दीपावली के अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चम्पावत के एनएचपीसी गेस्टहाउस बनबसा में एक विशेष कार्यक्रम आयोजित कर भूतपूर्व सैनिकों को सम्मानित किया। इस कार्यक्रम में उन्होंने सैनिकों को दीपावली की बधाई दी और उनके साहस और सेवा को सराहा।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि एक सैनिक न केवल सेना में रहते हुए देश की रक्षा करता है, बल्कि सेवानिवृत्ति के बाद भी वह समाज की सेवा में जुट जाता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कोई भी सैनिक केवल भूतपूर्व सैनिक नहीं होता, बल्कि वह हमेशा देश की सेवा में सक्रिय रहता है। जब वह सीमा पर तैनात होता है, तब वह देश की रक्षा करता है और जब वह घर लौटता है, तो समाज में योगदान देता है।
सीएम ने भारतीय सेना के गौरवशाली इतिहास का जिक्र करते हुए कहा कि देश की आजादी के बाद से लेकर अब तक भारतीय सैनिकों ने अनेक युद्धों में अदम्य साहस का परिचय दिया है। उन्होंने कारगिल युद्ध का उदाहरण देते हुए बताया कि किस तरह हमारे वीर सैनिकों ने अपने साहस से भारतीय सेना को विश्व में एक शक्तिशाली सेना के रूप में प्रस्तुत किया।
मुख्यमंत्री धामी ने भूतपूर्व सैनिकों और उनके परिवारों की समस्याओं का समाधान करने के लिए सरकार की तत्परता का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में सैनिकों के कल्याण के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं, जैसे कि “वन रैंक वन पेंशन”।
सीएम ने बताया कि राज्य में कई विकास कार्य चल रहे हैं, जिसमें सैनिकों के सम्मान के लिए देहरादून में सैन्यधाम का निर्माण शामिल है। उन्होंने गंगा कॉरीडोर की तर्ज पर चम्पावत में सारदा कॉरीडोर के निर्माण की योजना की जानकारी भी दी।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य में यूसीसी विधेयक लागू किया जा रहा है और नकल विरोधी कानून भी लागू किया गया है। उन्होंने बेरोजगारों को 18,500 सरकारी नौकरियों का मिलना और 100 से अधिक नकल माफियाओं को जेल भेजने की जानकारी दी।