ईगो का सही इस्तेमाल : आप किसी से भी पूछिए कि क्या आप ईगोइस्टिक हैं? जवाब हमेशा ‘नहीं’ ही आएगा! हर कोई कहता है कि रिश्तों में आत्मसम्मान होना चाहिए, ईगो नहीं। क्या आपको पता है कि आजकल आत्मसम्मान के नाम पर जो बढ़ावा दिया जाता है, वही ईगो है? गूगल से पूछिए, वो भी यही कहेगा। दरअसल, ईगो और सेल्फ रिस्पेक्ट, दोनों ही आपकी पहचान से जुड़े हैं। किसी भी रिश्ते में ईगोके क्या नुकसान हो सकते हैं, इस बारे में आपको हर कोई ज्ञान दे सकता है और शायद आप भी इससे वाकिफ हों, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इसके कुछ फायदे भी होते होंगे? जी हां, यहां हम आपको बताएंगे कि ईगो की मौजूदगी किसी रिश्ते को किस तरह से जिंदा रखती है और पार्टनर में ईगो होने से आपको क्या कुछ फायदे मिल सकते हैं। आइए जानें। कहा जाता है कि ईगोइस्टिक लोग हमेशा दूसरों से आगे निकलने की कोशिश में रहते हैं। अगर आपका पार्टनर ऐसा है, तो वो भी शायद यही करेगा।
अगर आपने उन्हें कोई सरप्राइज़ दिया, तो वो जरूर कुछ और बड़ा करने की कोशिश करेगा। ऐसा करने से आप दोनों खुश रहेंगे। भले ही रिश्ते में बराबरी होनी चाहिए, लेकिन अगर वो आपको खुश करने के लिए ऐसा कर रहा है तो इसमें क्या बुराई है? जिंदगी में आपका सामना सिर्फ एक ईगोइस्टिक पार्टनर से ही नहीं, बल्कि दुनिया में ऐसे कई लोगों से होता है। फर्क सिर्फ इतना है कि आपका पार्टनर आपसे प्यार करता है और आप उससे प्यार करते हैं। इस तरह के रिश्ते को आप एक तरह की ट्रेनिंग के रूप में भी देख सकते हैं। अगर आप ऐसे किसी व्यक्ति के साथ सहज महसूस करते हुए एक रिश्ता निभा रहे हैं, तो आप उनसे और उन जैसे अन्य लोगों से निपटना आसानी से सीख सकते हैं। ईगोइस्टिक लोग अक्सर दूसरों को अपने से कम समझते हैं। वे अपनी बात को ही सही मानते हैं और दूसरों की भावनाओं को नजरअंदाज कर देते हैं। उन्हें दूसरों को ना कहने में कोई हिचकिचाहट नहीं होती, लेकिन अगर ऐसा कोई व्यक्ति आपकी बात मान जाए, आपकी सोच को स्वीकार कर ले और अपनी पर्सनल लाइफ में आपको शामिल करे, तो इसका मतलब है कि आपमें कुछ खास बात है जिसने उन्हें प्रभावित किया है। यह एक संकेत है कि आपने उनका विश्वास जीता है और वे आपके साथ एक खास जुड़ाव महसूस करते हैं।
किसी चीज या व्यक्ति को फॉर ग्रांटेड लेने का मतलब है उसे बिना किसी प्रश्न या विरोध के स्वीकार करना और उसके बारे में एक पूर्वधारणा बना लेना। अब, एक अहंकारी व्यक्ति के जितने भी लक्षण गिनाए जाते हैं, उनके अनुसार यह साबित होता है कि अगर आपका पार्टनर ईगोइस्टिक है, तो वह आपको कभी भी फॉर ग्रांटेड नहीं लेगा। ऐसा इसलिए क्योंकि ऐसे लोग किसी को इतनी अहमियत नहीं देते कि बिना किसी रोक-टोक या सवाल-जवाब के उन्हें स्वीकार कर लें। ज्यादा मीठा खाना सेहत के लिए हानिकारक होता है और डायबिटीज जैसी गंभीर बीमारी को जन्म दे सकता है। ठीक इसी तरह, रिश्तों में अहंकार या ईगो भी नुकसानदायक होता है। जब तक हम अपने अहंकार को नहीं छोड़ते, तब तक हम दूसरों से झगड़ते रहेंगे। बता दें, बिना लड़ाई-झगड़ों के आपको भी इस बात का एहसास नहीं होगा कि दूसरा व्यक्ति आपके लिए कितना मायने रखता है। यही वजह है कि ईगो एक लिटमस पेपर की तरह काम करता है जो हमारे रिश्ते की मजबूती को परखता