नेपाल में लगातार हो रही भारी बारिश ने कई शहरों में हाहाकार मचा दिया है। बाढ़ की चपेट में आने से कम से कम 39 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 11 लोग अभी भी लापता हैं। शुक्रवार से शुरू हुई बारिश ने नेपाल के विभिन्न हिस्सों को जलमग्न कर दिया है, जिससे आम जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। नेपाली अधिकारियों के अनुसार, बाढ़ के कारण काठमांडू में 226 घर जलमग्न हो गए हैं। स्थानीय प्रशासन ने बाढ़ की स्थिति को देखते हुए तात्कालिक कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। विभिन्न क्षेत्रों से राहत एवं बचाव कार्यों की खबरें आ रही हैं, लेकिन मौसम की unpredictability के कारण बचाव कार्यों में बाधाएं उत्पन्न हो रही हैं।
बाढ़ के चलते हुई मौतों में काठमांडू में नौ, ललितपुर में 16, भक्तपुर में पांच, कवरेपालनचौक में तीन, पंचथर और धनकुटा में दो-दो तथा झापा और धाडिंग में एक-एक व्यक्ति शामिल हैं। इस भयंकर स्थिति को देखते हुए सरकार ने राहत कार्यों को तेज करने का निर्णय लिया है। तेज बारिश के चलते आपदा अधिकारियों ने अचानक बाढ़ की चेतावनी जारी की है। स्थानीय मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों में और बारिश की संभावना जताई है, जिससे बाढ़ की स्थिति और बिगड़ सकती है। लोग अपने घरों से बाहर निकलने में डर रहे हैं और अधिकारियों ने सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी है।
सरकारी एजेंसियों और स्थानीय संगठन राहत कार्यों में जुटे हैं। राहत सामग्री, जैसे खाद्य सामग्री और पानी, प्रभावित क्षेत्रों में भेजी जा रही है। इसके अलावा, चिकित्सा टीमों को भी तैनात किया गया है ताकि जरूरतमंदों की मदद की जा सके।नेपाल में बाढ़ के इस संकट ने एक बार फिर से प्राकृतिक आपदाओं की गंभीरता को उजागर किया है। स्थानीय प्रशासन और नागरिकों को एकजुट होकर इस संकट का सामना करना होगा। सरकार की तरफ से राहत कार्यों की तेज़ी आवश्यक है ताकि प्रभावित लोगों को जल्द से जल्द सहायता मिल सके। सभी लोगों से अपील की जा रही है कि वे सुरक्षित स्थानों पर जाएं और सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें।