3461.74 एकड़ वन भूमि से अवैध कब्जा हटाया :- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रदेश में औद्योगिक, पर्यटन, शैक्षणिक, स्वास्थ्य और कृषि-औद्यानिक क्षेत्रों के लिए राज्य सरकार और जिलाधिकारी स्तर से कुल 1883 भूमि क्रय की अनुमति दी गई है।मुख्यमंत्री ने कहा कि यह निर्णय राज्य की जनता की अपेक्षाओं और जनभावनाओं के अनुरूप लिया गया है, जिससे भविष्य में निवेश सुगम होगा और अवैध अतिक्रमण पर पूरी तरह लगाम लगेगी।
उन्होंने बताया कि इनमें से 599 भू-उपयोग उल्लंघन के प्रकरण रहे। 572 प्रकरणों में न्यायालय में वाद दायर किए गए, जबकि 16 प्रकरणों में निस्तारण करते हुए 9.4760 हेक्टेयर भूमि राज्य सरकार में शामिल की गई। बाकी प्रकरणों पर कार्रवाई जारी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बीते वर्षों में विभिन्न उपक्रमों के माध्यम से स्थानीय लोगों को रोजगार देने के नाम पर भूमि खरीदी जाती रही। भू-प्रबंधन एवं भू-सुधार कानून के लागू होने से असली निवेशकों और भूमाफिया के बीच अंतर स्पष्ट होगा।
पीरियड्स के दौरान इन बातों का रखे ध्यान
उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार ने बड़े पैमाने पर वन और सरकारी भूमि से अवैध अतिक्रमण हटाया है। कुल 3461.74 एकड़ वन भूमि से कब्जा हटाया गया, जिससे इकोलॉजी और अर्थव्यवस्था दोनों का संरक्षण हुआ।
मुख्यमंत्री ने उल्लेख किया कि उत्तराखंड के पर्वतीय और मैदानी इलाकों की भौगोलिक चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए निवेशकों को सुविधा सुनिश्चित की गई है। स्वर्गीय प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा प्रदान किए गए औद्योगिक पैकेज से राज्य में औद्योगीकरण हुआ, और नए कानून के तहत अब असली निवेशकों को कोई परेशानी नहीं होगी। सरकार लीजिंग ड्राफ्ट भी उपलब्ध कराएगी।
जिलेवार आंकड़े
पौड़ी: 78 प्रकरण, 67 में उल्लंघन (59 में वाद, 8 निरस्त)
ऊधम सिंह नगर: 327 भूमि अनुमति, 41 उल्लंघन
देहरादून: 266 उल्लंघन प्रकरण
हरिद्वार: 931 अनुमति, 39 उल्लंघन
नैनीताल: 157 अनुमति, 95 उल्लंघन
अल्मोड़ा: 111 अनुमति, 40 उल्लंघन