इजरायल और लेबनान के बीच स्थिति फिर से तनावपूर्ण होती जा रही है। इजरायली फाइटर जेट्स ने एक बार फिर दक्षिणी लेबनान पर बमबारी की, जिससे वहां के नागरिकों में भय का माहौल बन गया है। रातभर चली इस बमबारी में कई गाँवों को निशाना बनाया गया, जिसमें 37 लोगों की मौत और लगभग तीन हजार लोगों के घायल होने की खबर है यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब हिजबुल्ला के लड़ाकों पर पहले से ही वॉकी-टॉकी और पेजर बम विस्फोट किए गए थे। इन विस्फोटकों में छिपे हुए उपकरणों के चलते स्थिति और भी जटिल हो गई है। स्थानीय मीडिया की रिपोर्टों के अनुसार, लेबनान की राजधानी बेरूत में आसमान में गरजने की आवाजें सुनी गईं, जो हाल के महीनों में आम हो गई हैं।
इजरायल ने अपने लड़ाकू विमानों की मदद से इन हमलों को अंजाम दिया, और इन हमलों के पीछे हिजबुल्ला के खिलाफ अपनी सुरक्षा नीति को बताया। इजरायली सेना का कहना है कि ये कार्रवाई आतंकवादी गतिविधियों को रोकने के लिए की गई है, लेकिन लेबनान में नागरिकों की बढ़ती संख्या में हताहती की खबरें इस स्थिति को और गंभीर बना रही हैं। इस हमले का सीधा असर स्थानीय नागरिकों पर पड़ रहा है। हजारों लोग घायल हो चुके हैं, और कई लोग अपने घरों को छोड़ने पर मजबूर हो गए हैं। अस्पतालों में घायलों की भीड़ बढ़ती जा रही है, और चिकित्सा सेवाएं संकट में हैं।
इन घटनाओं के बीच, अंतरराष्ट्रीय समुदाय को चाहिए कि वह इस संघर्ष को समाप्त करने के लिए कदम उठाए। दोनों देशों के बीच तनाव को कम करने के लिए बातचीत और संवाद का रास्ता अपनाना अत्यंत आवश्यक है। लेबनान में हो रही हिंसा और इजरायल के हमलों ने क्षेत्रीय स्थिरता को खतरे में डाल दिया है। ऐसे में यह जरूरी है कि सभी पक्ष संयम बरतें और एक शांतिपूर्ण समाधान की ओर बढ़ें।