भारतीय राजनीति में एक बड़ा घटनाक्रम सामने आया है। विपक्ष ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को उनके पद से हटाने के लिए अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है। यह कदम विपक्षी दलों की एकजुटता और मौजूदा सरकार के खिलाफ उनके आक्रामक रुख को दर्शाता है।
विपक्ष का आरोप है कि जगदीप धनखड़ अपने उपराष्ट्रपति पद की मर्यादा का पालन करने में असफल रहे हैं। उनके कई बयान और कार्य विपक्ष के खिलाफ पक्षपाती रहे हैं। विपक्ष का कहना है कि धनखड़ ने अपने संवैधानिक दायित्वों का पालन नहीं किया। विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ ने इस मुद्दे पर सभी दलों को एकजुट किया है। कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, आप, और अन्य दलों ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया है। विपक्ष का मानना है कि यह कदम सरकार के खिलाफ एक मजबूत संदेश देगा।
सत्तारूढ़ बीजेपी ने इस कदम को विपक्ष की हताशा करार दिया है। सरकार का कहना है कि उपराष्ट्रपति ने अपने सभी कार्य संविधान के अनुरूप किए हैं और यह प्रस्ताव केवल राजनीतिक स्वार्थ का नतीजा है। अगर यह प्रस्ताव पारित होता है, तो यह भारतीय राजनीति में एक ऐतिहासिक घटना होगी। हालांकि, सत्तारूढ़ पार्टी के बहुमत को देखते हुए प्रस्ताव के पास होने की संभावना कम है।