बांग्लादेश में भारतीय नागरिक चिन्मय दास की गिरफ्तारी ने दोनों देशों के बीच कूटनीतिक विवाद को जन्म दे दिया है। भारत द्वारा इस मामले में बयान जारी करने के बाद बांग्लादेश ने अपनी स्वतंत्रता और संप्रभुता पर चिंता जाहिर की है।
चिन्मय दास, जिन्हें बांग्लादेश में हाल ही में गिरफ्तार किया गया, पर आरोप है कि उन्होंने कथित रूप से बांग्लादेश की सुरक्षा और स्वतंत्रता के खिलाफ गतिविधियों में भाग लिया। उनकी गिरफ्तारी के बाद भारत सरकार ने इस मामले में निष्पक्ष और पारदर्शी जांच की मांग की थी।भारत के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए बांग्लादेश सरकार ने कहा, “हमारी स्वतंत्रता और संप्रभुता सर्वोपरि है। कोई भी बाहरी दबाव हमारे न्यायिक प्रक्रिया को प्रभावित नहीं कर सकता।”
भारतीय विदेश मंत्रालय ने चिन्मय दास की गिरफ्तारी को गंभीरता से लेते हुए कहा कि भारतीय नागरिक के अधिकारों की रक्षा की जानी चाहिए और इस मामले को राजनीतिक रंग नहीं दिया जाना चाहिए। विशेषज्ञों का मानना है कि यह मामला दोनों देशों के रिश्तों में तनाव पैदा कर सकता है। हालांकि, भारत और बांग्लादेश के बीच मजबूत कूटनीतिक संबंध इसे सुलझाने में मदद कर सकते हैं। सोशल मीडिया पर इस मामले को लेकर दोनों देशों में मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। भारतीय यूजर्स चिन्मय दास की रिहाई की मांग कर रहे हैं, जबकि बांग्लादेशी नागरिक अपने देश के रुख का समर्थन कर रहे हैं।