शिवसेना यूबीटी के सांसद संजय राउत को मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट (सिवड़ी अदालत) ने मानहानि के एक मामले में 15 दिन की कैद और 25 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। यह मामला उस समय सुर्खियों में आया जब किरीट सोमैया की पत्नी, मेधा किरीट सोमैया ने राउत पर मानहानि का आरोप लगाया था।
मामला क्या था?
मेधा किरीट सोमैया ने संजय राउत के खिलाफ 100 करोड़ रुपये के मानहानि का मुकदमा दायर किया था। उनके आरोप थे कि राउत ने सार्वजनिक रूप से उनके और उनके परिवार के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की थी, जिसने उनकी सामाजिक छवि को नुकसान पहुंचाया। आईपीसी की धारा 500 के तहत उन्हें दोषी ठहराया गया, जो मानहानि के मामलों को संभालती है।
अदालत का फैसला
मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत ने राउत को दोषी करार देते हुए उन्हें 15 दिन की कैद और 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाने का फैसला सुनाया। यह फैसला सुनाए जाने के समय संजय राउत अदालत के बाहर थे, और जैसे ही उन्होंने फैसला सुना, उन्होंने कहा कि अब वे जेल जाने वाले हैं।
इस मामले में संजय राउत के वकील और उनके भाई, सुनील राउत ने कहा है कि उन्होंने जमानत याचिका दायर की है। उनका दावा है कि यह फैसला अनुचित है और इस पर उच्च न्यायालय में चुनौती दी जाएगी। राउत का कहना है कि उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया गया है और वे इस मामले को लेकर पूरी तरह से बेगुनाह हैं। संजय राउत एक प्रमुख राजनीतिक हस्ती हैं और शिवसेना की यूबीटी गुट के महत्वपूर्ण नेता माने जाते हैं। उनके खिलाफ यह मामला उनके राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों द्वारा उठाए गए कई आरोपों में से एक है। यह मामला सिर्फ व्यक्तिगत स्तर पर नहीं, बल्कि राजनीतिक स्तर पर भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह महाराष्ट्र की राजनीति में खींचतान को दर्शाता है। अब जब राउत को सजा सुनाई गई है, तो यह देखना दिलचस्प होगा कि उनके जमानत याचिका पर अदालत क्या निर्णय लेगी। यदि उन्हें जेल में रहना पड़ता है, तो यह न केवल उनकी राजनीतिक स्थिति को प्रभावित करेगा, बल्कि उनके समर्थकों के बीच भी हलचल पैदा करेगा।