तो निकला खून, उत्तराखंड की रहस्यमयी कहानी : उत्तराखंड के पहाड़ों में ऐसी कहानिया और किस्से मौजूद हैं जो बेहद दिलचस्प और हैरान करने वाले हैं। मान्यताओं , रस्मो रिवाज़ , संस्कृति और घटनाये इन सबके बारे में आपको नारद पोस्ट बताएगा। ये तो आप जानते ही हैं कि पहाड़ों की दुनिया बेहद रोमांचक और दिलचस्प है. ठीक इसी तरह यहां की कहानियां भी कम रोचक नहीं हैं। पहाड़ों में रहने वाले लोग भूत और देवी देवताओं की कहानी सुनाते हैं. लेकिन हम आपके लिए लेकर आए हैं एक मां और बेटी की कहानी. कहा जाता है कि मां और बेटी की यह जोड़ी एक पत्थर में समा गई थी जो आज भी मौजूद है. लेकिन इससे पहले हुआ क्या था… आइए जानते हैं।
उत्तराखंड की रहस्यमयी कहानी
कहानी उत्तराखंड के ओंतड़ गांव से थोड़ी ही दूरी पर सिर्वा नाम के गांव में एक पानी की नदी बहती है. नदी के किनारे एक मां और उसकी छोटी बेटी रहती थी. वह महिला अपने खेत में काम कर रही थी. तभी उसकी बेटी रोने लगी. इसके बाद उस औरत ने सूर्य देवता से विनती करते हुए कहा कि सूर्य देवता आप अस्त तब होना जब मैं इस खेत की रोपाई कर लूंगी और अपनी बेटी को दूध पिला दूंगी।
पत्थर से बहने लगा था खून
उस महिला ने अपने खेत का काम खत्म किया और अपनी रोती हुई बच्ची को दूथ पिलाने लगी. तभी वहां सूर्यास्त हो गया और मां और बेटी, जिस पत्थर पर बैठी थीं. उसी पत्थर में समा गईं. उनकी तस्वीर वहीं छप गईं. कहा जाता है सूर्यास्त के समय बच्चों को मां का दूध बाहर नहीं पिलाना चाहिए. आसपास के लोगों से पूछने पर यह बात भी सामने आई कि एक बार किसी ने इस पत्थर को तोड़ने की कोशिश की तो पत्थर से रक्त बहने लगा था।
पहाड़ और यहां की मान्यताएं बिल्कुल अलग है. वादियों में रहने वाले लोगों में एक मासूमियत है, तो उनकी जीवनशैली एक दम मेहनतकश. इसी को देखते हुए खोजी नारद आपके लिए लगातार पहाड़ों से जुड़ी दिलचस्प कहानियां लाता है. ओंतड़ गांव देहरादून से 90 किलोमीटर दूर बसा है. टिहरी गढ़वाल के जौनपुर, थत्यूड़ ब्लॉक में यह गांव स्थित है. रोचक और दिलचस्प ख़बरों के लिए हमारी अगली खबर पर क्लिक कीजिये।