प्रसिद्ध लेखिका और राज्यसभा सांसद सुधा मूर्ति ने भारतीय विद्या भवन के वार्षिक दीवाली समारोह में ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की जमकर तारीफ की। इस कार्यक्रम में खुद ऋषि सुनक और उनकी पत्नी अक्षता मूर्ति भी उपस्थित थे, और सुधा मूर्ति ने दीवाली के अवसर पर अपने दामाद की भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों को अपनाने की सराहना की।
सुधा मूर्ति ने कहा कि ऋषि सुनक ने ब्रिटेन में रहते हुए भारतीय संस्कृति और परंपराओं को अपने जीवन का अभिन्न हिस्सा बना लिया है, जो एक आदर्श उदाहरण है। उन्होंने यह भी बताया कि ऋषि की परवरिश में उनके माता-पिता का महत्वपूर्ण योगदान है, जिनकी शिक्षाओं और मूल्यों ने उन्हें सही दिशा दी। सुधा मूर्ति ने ऋषि सुनक के माता-पिता की भी सराहना की, जिनकी नीतियों और संस्कारों ने उनके जीवन को संवारने में मदद की।
इस कार्यक्रम के दौरान सुधा मूर्ति ने भारतीय संस्कृति और शिक्षा के महत्व पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “मैं हमेशा मानती हूं कि जब आप विदेश में होते हैं, तो आपके माता-पिता को दो काम करने चाहिए: एक तो अच्छी शिक्षा, जो आपको बदले में पंख देती है और आप कहीं भी उड़कर बस सकते हैं; दूसरा है बढ़िया संस्कृति, जो आपकी उत्पत्ति और भारतीय मूल को मजबूत बनाती है।”
सुधा मूर्ति ने यह भी कहा कि भारतीय विद्या भवन यूके जैसे सांस्कृतिक संस्थानों का महत्वपूर्ण योगदान है, जो भारतीय संस्कृति और परंपराओं को विदेशों में फैलाने में मदद कर रहे हैं। उन्होंने ब्रिटिश भारतीय समुदाय से अपील की कि वे भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए इन संस्थानों का समर्थन करें, ताकि आने वाली पीढ़ी को अपनी जड़ों से जुड़ा रह सकें।
यह समारोह भारतीय संस्कृति को सम्मानित करने और भारत के गौरवमयी इतिहास को जानने का एक अद्भुत अवसर था, जहाँ भारतीय विद्या भवन की सांस्कृतिक गतिविधियों को और बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर दिया गया।