22 अरब डॉलर के आईफोन: एप्पल इंक ने बीते 12 महीनों में भारत में 22 बिलियन डॉलर वैल्यू के आईफोन का निर्माण किया है, जो पिछले साल के मुकाबले लगभग 60 परसेंट ज्यादा है. इस मामले से परिचित लोगों का कहना है कि आज के समय में 20 परसेंट आईफोन या पांच में से एक आईफोन की मैन्युफैक्चरिंग अब इस दक्षिण एशियाई देश में होती है.
चीन से भारत का रूख कर रही है कंपनी
इससे पता चलता है कि एप्पल और उसके सप्लायर्स अब चीन से बाहर भारत का रूख कर रहे हैं. ट्रेड वॉर के इस बढ़ते खतरे के बीच एप्पल चीन के बाहर अपनी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाने पर जोर दे रहा है. ऐसा इसलिए भी क्योंकि भारत के 26 परसेंट टैरिफ के मुकाबले चीन पर अमेरिकी रेसिप्रोकल टैरिफ 145 परसेंट है. बताया जा रहा है कि ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी के चलते ही भारत से अमेरिका को आईफोन की शिपमेंट में तेजी आई है.इस प्रक्रिया की शुरुआत कोरोना महामारी के समय में हुई थी, जब ‘जीरो कोविड नीति’ के चलते कुछ फैक्ट्रियों का कामकाज प्रभावित होने के बाद एप्पल ने चीन से भारत का रूख किया.
इतने अरब डॉलर के आईफोन का हुआ एक्सपोर्ट
भारत में बने अधिकतर iPhones को दक्षिण भारत में स्थित फॉक्सकॉन टेक्नोलॉजी ग्रुप की फैक्ट्री में असेंबल किया जाता है. भारत में एप्पल के प्रमुख सप्लायर्स Foxconn, Wistron, Pegatron और Tata Electronics हैं. देश के प्रौद्योगिकी मंत्री ने 8 अप्रैल को कहा, भारत के कुल उत्पादन में से Apple ने मार्च 2025 तक के वित्तीय वर्ष में इस क्षेत्र से 1.5 ट्रिलियन रुपये (17.4 बिलियन डॉलर) के iPhone निर्यात किए.
Apple अब अपने iPhone की पूरी रेंज भारत में ही असेंबल करता है, जिसमें टाइटेनियम प्रो मॉडल भी शामिल हैं.भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने और विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए सरकार की PLI (प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव) स्कीम के तहत भारत में Apple iPhone बनाने वाली फॉक्सकॉन और डिक्सन टेक्नोलॉजीज को सब्सिडी मिली है.