जगंलो में बढ़ता जा रहा है आग का खतरा: उत्तराखंड में जंगल की आग एक बड़ी चुनौती होती है। गर्मियां बढ़ते ही ये खतरा और भी भयावह हो जाता है जिसके रोकथाम के लिए सरकार और वन विभाग लाख योजनाए बना ले लेकिन ये आग बुझती ही नहीं है। इन दिनों प्रदेश में दिन ब दिन तापमान बढ़ने के साथ-साथ ही बढ़ती जा रही है ग्रामीणों की मुश्किले, उत्तराखंड में आजकल प्रतिदिन कई जिलो के जगलो में आग लग रही है, जिससे ग्रामीण बहुत परेशान है, बागेश्वर के काफलीगैर तहसील पाना के जंगलों में धीरे-धीरे पिरुल गिरना शुरू हो गया है।इसके कारण आग लगने की घटनाएं ज्यादा हो रही है, देर शाम को पाना गांव के जंगल में आग लग गई और आग के गांव की तरफ आने का खतरा धीरे-धीरे बढ़ रहा था, जिसके चलते ग्रामीणों ने इसकी सूचना वन विभाग को दी।
सूचना मिलने के बाद वन दरोगा कर्मचारियों को साथ लेकर मौके पर गए और आग बुझाने का प्रयास किया, करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद टीम ने आग को काबू कर लिया, रेंजर श्याम सिंह करायत ने ग्रामीणों से वनाग्नि नियंत्रण में सहयोग करने की अपील की है।वही सोमेश्वर/ बागेश्वर के ताकुला ब्लॉक में वन पंचायत के जगंल रविवार को आग से धधक उठे, कर्मचारी अन्य जगह आग बुझाने के लिए गए होने के कारण ग्रामीणों और हंस फाउंडेशन के फायर फाइटर खुद ही आग बुझाने में जुट गए, बाद में वन विभाग की टीम भी पहुंच गई और कुछ घंटो के बाद ईग को काबू में कर लिया।
जैसे जैसे मौसम और गर्म होगा प्रदेश के जंगलों के जलने की तस्वीरें सामने आयेगी जो न सिर्फ वन हानि और पर्यावरण के लिए नुकसान देह होगी बल्कि ग्रामीणों के लिए उनके जानवरों के साथ साथ जनहानि की संभावनाओं को भी बढ़ाती है। इस वनाग्नि की रोकथाम के लिए राज्य सरकार के साथ साथ वनों के करीब बसने वाले लोगों को भी जागरूक और सक्रिय भूमिका निभानी ज़रूरी है।