भारतीय क्रिकेट टीम के लिए यह एक अप्रत्याशित और कठिन सुबह थी जब न्यूज़ीलैंड ने बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम में आयोजित पहले टेस्ट मैच में आठ विकेट से जीत हासिल की। यह जीत न्यूज़ीलैंड के लिए 36 साल बाद भारत में टेस्ट मैच जीतने की एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। इस जीत के साथ ही कीवी टीम ने तीन मैचों की श्रृंखला में 1-0 की बढ़त बना ली है।
भारत ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी करने का निर्णय लिया, जो बाद में कप्तान रोहित शर्मा द्वारा एक गलत निर्णय माना गया। भारतीय बल्लेबाज़ पहली पारी में केवल 46 रन पर ऑलआउट हो गए, जो उनकी सबसे कम स्कोर में से एक है। भारतीय कप्तान ने मैच के बाद कहा, “हमें नहीं लगा था कि हम इतने कम स्कोर पर आउट हो जाएंगे, लेकिन इसका श्रेय न्यूज़ीलैंड को जाता है।” न्यूज़ीलैंड के कप्तान टॉम लैथम ने अपनी टीम के प्रदर्शन पर गर्व व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “हमने बल्लेबाज़ी करना चाहा, लेकिन टॉस हारना हमारे लिए अच्छा साबित हुआ। हमारी गेंदबाज़ी ने शानदार काम किया और हमें इसका पुरस्कार मिला।”
अब भारत के सामने अपनी 18 श्रृंखलाओं की जीत के विश्व रिकॉर्ड को बचाने की चुनौती है। रोहित शर्मा ने कहा, “हमारे पास अभी भी दो टेस्ट मैच बचे हैं और हमें पता है कि हमें क्या करना है। हम अगले दो टेस्ट में सब कुछ झोंक देंगे।” पहले दिन बारिश ने मैच के प्रारंभ में बाधा डाली, जिसके कारण खिलाड़ियों को चाय-पकौड़ों का लुत्फ़ उठाना पड़ा। लगभग एक घंटे की देरी के बाद मैच शुरू हुआ, लेकिन तब तक भारतीय बल्लेबाज़ी पूरी तरह से चरमरा चुकी थी।
टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में, पहली पारी में 50 से कम स्कोर पर आउट होने के बाद टेस्ट ड्रॉ कराने का कारनामा सिर्फ एक बार हुआ है, जब 1902 में ऑस्ट्रेलिया ने ऐसा किया था। भारत ने 2013 से लेकर अब तक 18 श्रृंखलाएँ जीती हैं, लेकिन इस हार ने उनकी घरेलू रिकॉर्ड को चुनौती दी है।