चार धाम यात्रा में भक्तों की संख्या ने बनाया रिकॉर्ड, आपदा के बीच भी कम नहीं हुआ उत्साह : – कब बंद होंगे धामों के कपाट –
गंगोत्री धाम के कपाट 22 अक्टूबर को सुबह 11:36 बजे बंद होंगे.
केदारनाथ धाम के कपाट 23 अक्टूबर को सुबह 8:30 बजे बंद होंगे
यमुनोत्री धाम के कपाट 23 अक्टूबर को दोपहर 12:30 बजे बंद होंगे.
बदरीनाथ धाम के कपाट 25 नवंबर को बंद कर दिए जाएंगे.
उत्तराखंड को देवों की भूमि यानी देवभूमि कहते हैं। हर साल बड़ी संख्या में देश विदेश से श्रद्धालु पवित्र चारधाम यात्रा में पुण्य कमाने आते हैं। चारधाम यात्रा 2025 में श्रद्धालुओं की संख्या ने नया कीर्तिमान बनाया है।
अब तक लगभग 49 लाख श्रद्धालु चारधाम यात्रा में दर्शन पूजन कर चुके हैं. ख़ास बात ये भी है कि यह संख्या 2013 की आपदा के बाद सबसे ज्यादा है. सरकार के आंकड़ों के अनुसार केदारनाथ धाम में इस बार 16 लाख से ज्यादा श्रद्धालु पहुंचे. जबकि, बदरीनाथ में यह संख्या 14 लाख से ज्यादा पहुंच चुकी है.इस आंकड़ों से धामी सरकार को एक नई उपलब्धि हासिल हो गयी है।
एक तरफ जहाँ आने वाले यात्रियों की संख्या ने जोश बढ़ाया है तो वहीँ चारधाम यात्रा के दौरान कई श्रद्धालुओं ने अपनी जान भी गंवाई हैं. ज्यादातर मौतें हेल्थ संबंधी परेशानियों हृदयाघात और ऊंचाई से जुड़ी दिक्कतों के चलते हुई हैं।
हालांकि पिछले साल 2024 में जहां 246 श्रद्धालुओं की मौत होने की बात कही जा रही है तो वही मौजूदा यात्रा वर्ष में मौत की ये रफ्तार थमी है और संख्या घटकर लगभग 189 पर आ गई.जिसमें स्वास्थ्य विभाग की बेहतरीन व्यवस्था की मुख्य भूमिका रही है।
सरसों का तेल और लहसुन के फायदे
चारधाम यात्रा के दौरान सबसे ज्यादा मौत की घटनायें केदारपुरी में दर्ज की गयी हैं. एक्सपर्ट्स की माने तो 11,755 फीट से ज्यादा की ऊंचाई पर केदारनाथ धाम स्थापित है लिहाज़ा यहाँ तक पहुंचने के लिए यात्रियों को लगभग 17 किलोमीटर की बेहद मुश्किल चढ़ाई पैदल , खच्चर और हवाई मार्ग से तय करनी पड़ती है।
हेल्थ एक्सपर्ट्स बताते हैं कि अक्सर श्रद्धालु बिना हेल्थ चेकअप कराए ही यात्रा पर आते हैं, लिहाज़ा ज्यादा उम्र होने और ऊंचाई पर सांस लेने में तकलीफ, हृदय की धड़कन तेज होने और थकावट उनके लिए सबसे बड़ी मुसीबत बन जाती है जो उनकी जान तक ले लेती है।
स्वास्थ्य सचिव आर राजेश कुमार मीडिया को बताते हैं कि केदारनाथ में हृदय गति रुकने की वजह से अक्सर ऎसी घटनाये हो जाती है. जिनकी उम्र ज्यादा है उन्हें समस्या भी ज्यादा होती है हांलाकि स्वास्थ्य विभाग की टीम हर तरीके से उनकी मदद को मौजूद रहती है लेकिन दुर्भाग्य से इन हादसों की वजह हार्ट अटैक , लो ब्लड प्रेशर, ऑक्सीजन की कमी पायी जाती हैं ।
चारधाम यात्रा में मौत के आंकड़े-
केदारनाथ धाम में अब तक 89 श्रद्धालुओं की मौत
बदरीनाथ धाम में 46 लोगों ने दम तोड़ा.
यमुनोत्री में 29 लोगों की मौत हुई.
गंगोत्री धाम में 23 श्रद्धालुओं की जान गई.
मीडिया रिपोर्ट्स और विभागीय अधिकारीयों के मुताबिक यह आंकड़े खबर लिखे जाने तक की है और ज्यादातर ये सभी मौतें स्वास्थ्य संबंधी कारणों से हुई हैं. ये गौर करने वाली बात भी है कि इस दौरान मौसम की वजह से लैंड स्लाइड , रोड एक्सीडेंट्स और आपदा से होने वाली मौतें इनमें शामिल नहीं है। उम्मीद की जानी चाहिए कि आने वाले समय में लोग सरकार की अपील को गंभीरता से लेंगे और अपना स्वास्थ्य परिक्षण कराकर ही इस पावन यात्रा का सुखद अनुभव साथ ले जायेंगे।