प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में झारखंड के देवघर में आयोजित एक जनसभा को संबोधित करते हुए राज्य की पहचान और संस्कृति को लेकर गंभीर आरोप लगाए। प्रधानमंत्री ने कहा कि झारखंड की सांस्कृतिक धरोहर और परंपरा को जानबूझकर बदलने की कोशिश की जा रही है, और यह एक साजिश के तहत हो रहा है। पीएम मोदी ने यह बयान राज्य में हो रही कुछ घटनाओं और राज्य की सरकार की नीतियों के संदर्भ में दिया, जिसमें उन्होंने राज्य के विकास और सांस्कृतिक पहचान के बीच संतुलन बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर दिया।
प्रधानमंत्री का आरोप
प्रधानमंत्री मोदी ने देवघर में आयोजित इस जनसभा में कहा, “झारखंड की पहचान और यहां की संस्कृति को बदलने की साजिश हो रही है। यह साजिश राज्य के विकास और यहां के लोकाचार को नष्ट करने की दिशा में की जा रही है।” उन्होंने यह भी कहा कि कुछ लोग झारखंड की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर को कमतर करने का प्रयास कर रहे हैं, जो राज्य के लोगों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि देवघर जैसे ऐतिहासिक स्थल पर राज्य सरकार द्वारा जो निर्णय लिए जा रहे हैं, वे झारखंड की सांस्कृतिक धरोहर और धार्मिक महत्व को नुकसान पहुंचा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्य की पहचान को बचाने के लिए हम सभी को एकजुट होकर काम करना होगा।
झारखंड के विकास पर फोकस
प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार झारखंड के विकास के लिए प्रतिबद्ध है और राज्य के सर्वांगीण विकास के लिए विभिन्न योजनाओं का कार्यान्वयन कर रही है। उन्होंने राज्य में इंफ्रास्ट्रक्चर, शिक्षा, स्वास्थ्य, और रोजगार के अवसरों में सुधार के लिए कई योजनाओं की बात की। प्रधानमंत्री ने राज्य में नई सड़कें, रेलवे परियोजनाएं और एयरपोर्ट निर्माण जैसी योजनाओं को लागू करने की जानकारी भी दी।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने झारखंड में आदिवासी समुदायों के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं और उन्हें सशक्त बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाए हैं। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य में रोजगार सृजन के लिए केंद्र और राज्य सरकार मिलकर काम कर रहे हैं।
विरोधियों पर हमला
प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्षी दलों, विशेषकर कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) को निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि जिन दलों ने झारखंड में लंबे समय तक शासन किया, उन्होंने राज्य की प्रगति में कोई खास योगदान नहीं दिया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि विपक्षी दलों ने केवल अपनी राजनीतिक स्वार्थ पूर्ति के लिए झारखंड के लोगों को गुमराह किया और राज्य के विकास में कोई ठोस कदम नहीं उठाए।
“आज भी विपक्षी दलों के नेता जनता के बीच जाकर झूठी उम्मीदें पैदा करते हैं, लेकिन उन्हें यह समझना होगा कि झारखंड का भविष्य अब केंद्र सरकार के नेतृत्व में तय होगा।” प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि इन दलों की राजनीति सिर्फ निजी लाभ की ओर केंद्रित रही है, जबकि केंद्र सरकार ने हमेशा राज्य के समग्र विकास को प्राथमिकता दी है।
झारखंड की संस्कृति पर बल
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि झारखंड की संस्कृति बहुत ही समृद्ध है और यह राज्य पूरे देश को अपनी सांस्कृतिक विविधता और धार्मिक महत्व से जोड़ता है। उन्होंने विशेष रूप से देवघर में बाबा बैद्यनाथ मंदिर के महत्व का उल्लेख किया और कहा कि यह सिर्फ झारखंड ही नहीं, बल्कि देश के लाखों श्रद्धालुओं का आस्था केंद्र है। उन्होंने राज्य की परंपराओं और रीति-रिवाजों को सहेजने की बात करते हुए राज्य सरकार से इन परंपराओं को बढ़ावा देने का आह्वान किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने राज्यवासियों से यह भी कहा कि उन्हें अपनी सांस्कृतिक धरोहर और पारंपरिक मूल्य पर गर्व होना चाहिए और किसी भी प्रकार के बाहरी दबाव से बचने की आवश्यकता है।
आगे की योजनाएं
प्रधानमंत्री ने झारखंड के लोगों से वादा करते हुए कहा कि केंद्र सरकार राज्य के विकास के लिए और भी कई नई योजनाओं का ऐलान करेगी। उन्होंने किसानों, युवाओं और महिलाओं के लिए रोजगार के नए अवसरों पर भी चर्चा की और कहा कि केंद्रीय योजनाओं के माध्यम से रोजगार, शिक्षा, और स्वास्थ्य के क्षेत्र में झारखंड में बड़े बदलाव आएंगे।
प्रधानमंत्री मोदी ने देवघर में दी गई अपनी इस महत्वपूर्ण सभा के दौरान राज्य के लोगों से एकजुटता की अपील की और कहा कि केवल एकजुट होकर ही झारखंड को वो पहचान और विकास प्राप्त हो सकता है जिसके वह हकदार हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का देवघर में दिया गया यह बयान राज्य की राजनीतिक और सामाजिक परिस्थितियों पर एक महत्वपूर्ण टिप्पणी है। उन्होंने कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा की सरकारों की नीतियों पर तीखा हमला करते हुए राज्य के विकास की दिशा में केंद्र सरकार की भूमिका को प्रमुख बताया। साथ ही, झारखंड की सांस्कृतिक धरोहर को बचाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।