अनोखा सच ! इस किले में कुत्ता चलाता था तोप : भारत किले-महलों का देश है। यहां अमेरिका जैसे बड़े-बड़े बीच और यूरोप जैसे फुलियारे मैदान न सही, लेकिन यहां के किले और महल दुनियाभर के लोगों को आकर्षित करते हैं। हर किले का अपना-अलग इतिहास है और कुछ अलग ही कहानियां। Oneindia.com की ‘किले-महलों की सैर’ सीरीज के तहत आज हम आपको बताने जा रहे हैं एक ऐसे किले के बारे में, जहां एक कुत्ता तोप चलाता था। किले में बनने वाली तोपों को दागने के लिए राजा ने कोई तोपची नहीं, बल्कि कुत्ते को रखा था। तोप के कारखाने में कई बड़ी तोपें थीं, एक तोप तो अब भी एशिया में दूसरी सबसे बड़ी तोप बताई जाती है।
गोले दागने को बनाए 446 छेद
राजस्थान में अलवर जिले में मौजूद बाला किले से जुड़े दस्तावेजों में विक्टर नाम के कुत्ते का जिक्र है। राजस्थान में अन्य किलों की तरह बाला किला भी एक पहाड़ी पर स्थित है। इस किले का निर्माण सन् 1550 में हसन खान मेवाती ने करवाया था। किले से करीब 200 मीटर पहले सड़क के किनारे खंडहरनुमा इमारत है, जिसे तोप का कारखाना बताया जाता है। इसी कारखाने में शासकों के शासनकाल के दौरान तोप बनाई जाती थीं, जिनका यहीं परीक्षण भी होता था। इन परीक्षणों के दौरान तोपों के फटने और उनके साइड इफेक्ट के बड़े नुकसान थे
ऐसे में एक कुत्ते को प्रशिक्षित किया गया था। उस कुत्ते का नाम विक्टर रखा गया, वह कुत्ता तोप चलाने के बाद टीले के नीचे मौजूद पानी के कुंड में छलांग लगा देता था। दस्तावेजों के अनुसार, एक बार बाला किले की सुरक्षा के लिए एशिया महाद्वीप की दूसरी सबसे बड़ी तोप बनाई गई। इस तोप का परीक्षण भी कुत्ते को ही करना था। कुत्ता तोप चलाने आया, लेकिन उसी दौरान तोप फट गई। भयंकर विस्फोट से उस कुत्ते की वहीं मौत हो गई। जिसके बाद उस कुत्ते की याद में शासक ने तोपखाना परिसर में ही उसकी समाधि बनवा दी। जिससे विक्टर नाम का वह कुत्ता इतिहास में दर्ज हो गया।