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Home » कुंभ मेले के बाद कहां चले जाते हैं नागा साधु? जानिए कैसी होती है नागा साधुओं की रहस्यमयी दुनिया
प्रयागराज

कुंभ मेले के बाद कहां चले जाते हैं नागा साधु? जानिए कैसी होती है नागा साधुओं की रहस्यमयी दुनिया

Mahakumbh 2025: A wonderful sight of Naga Sadhus is seen during the Kumbh Mela.
Sponsored By: KABIR SINGHJanuary 11, 2025No Comments3 Mins Read
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कुंभ मेले
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कुंभ मेले के बाद कहां चले जाते हैं नागा साधु? जानिए कैसी होती है नागा साधुओं की रहस्यमयी दुनिया : महाकुंभ 2025: कुंभ मेले के दौरान नागा साधुओं का अद्भुत नजारा देखने को मिलता है। इनके लंबे जटाएं, शरीर पर भस्म और गंभीर भावनाएं लोगों को आकर्षित करती हैं। कुंभ मेले में नागा साधुओं की अद्भुत उपस्थिति होती है। मेले में अनिवार्य रूप से नागा साधु बड़ी संख्या में दिखाई देते हैं लेकिन मेले के बाद यह साधु कहीं नजर नहीं आते। मन में जिज्ञासा होती है कि आखिर मेले के बाद ये कहां चले जाते हैं? आइए इस आलेख में जानते हैं नागा साधुओं के जीवन और उनकी रहस्यमयी दुनिया के बारे में।

कुंभ मेला और नागा साधु

कुंभ मेला भारत का सबसे बड़ा धार्मिक मेला है और नागा साधु इसका एक अहम हिस्सा होते हैं। ये साधु शिव भगवान के परम भक्त होते हैं और कठोर तपस्या करते हैं। कुंभ मेले के दौरान ये साधु संगम में स्नान करते हैं और अपनी साधना करते हैं।

कुंभ के बाद कहां जाते हैं?

कुंभ मेले के बाद नागा साधु विभिन्न स्थानों पर चले जाते हैं:-

हिमालय

अधिकांश नागा साधु कुंभ मेले के बाद हिमालय की गुफाओं और कंदराओं में चले जाते हैं। यहां वे एकांत में रहकर कठोर तपस्या करते हैं। हिमालय की प्रतिकूल परिस्थितियों में रहकर वे अपनी साधना को और गहरा बनाते हैं।

अखाड़े

कुछ नागा साधु अपने संबंधित अखाड़ों में लौट जाते हैं। अखाड़े नागा साधुओं के लिए एक तरह का आश्रम होता है जहां वे एक साथ रहते हैं और साधना करते हैं।

जंगल:-

कुछ नागा साधु जंगलों में चले जाते हैं। वे जंगलों में रहकर प्रकृति के करीब रहते हैं और अपनी साधना करते हैं।

नागा साधुओं का जीवन

नागा साधुओं का जीवन बहुत ही साधारण और कठोर होता है। वे भौतिक सुखों से दूर रहते हैं और केवल भगवान की भक्ति में लीन रहते हैं। वे अत्यंत अनुशासित जीवन जीते हैं और कठोर तपस्या करते हैं।

आहार

नागा साधु अक्सर फल, फूल और जड़ी-बूटियां खाते हैं। कुछ नागा साधु तो केवल वायु और जल पर ही जीवित रहते हैं।

वस्त्र

अधिकांश नागा साधु नग्न रहते हैं या फिर केवल एक छोटा रुमाल लपेटे रहते हैं।

निवास

नागा साधु गुफाओं, पेड़ों के नीचे या खुले आसमान के नीचे रहते हैं।

नागा साधुओं का महत्व

नागा साधु हिंदू धर्म की एक महत्वपूर्ण परंपरा का हिस्सा हैं। वे हमें सिखाते हैं कि कैसे हम भौतिक सुखों से ऊपर उठकर आध्यात्मिक विकास कर सकते हैं। कुंभ मेले के बाद नागा साधु अपने जीवन की ओर वापस लौट जाते हैं। वे एकांत में रहकर कठोर तपस्या करते हैं और भगवान की भक्ति में लीन रहते हैं। नागा साधुओं का जीवन हमें प्रेरणा देता है कि हम भी अपने जीवन में आध्यात्मिक विकास के लिए प्रयासरत रहें।

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