GST के दायरे में आएंगे पेट्रोल-डीजल? : – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) में बड़े बदलाव की घोषणा की. उन्होंने कहा कि इस बार दिवाली लोगों के लिए डबल दिवाली साबित होगी क्योंकि सरकार अगली पीढ़ी के जीएसटी रिफॉर्म लागू करने जा रही है।
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में बताया कि बीते आठ वर्षों में सरकार ने जीएसटी व्यवस्था को सरल और पारदर्शी बनाने के लिए बड़े सुधार किए हैं. टैक्स के बोझ को कम करने और एकीकृत टैक्स प्रणाली लागू करने से देशभर के व्यापारियों और आम जनता को राहत मिली है. उन्होंने कहा कि जीएसटी ने देश की आर्थिक व्यवस्था को नया आयाम दिया है और अब समय है इसे अगले स्तर पर ले जाने का।
प्रधानमंत्री के बयान से यह भी संकेत मिले हैं कि केंद्र सरकार पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने की दिशा में काम कर रही है. लंबे समय से इस विषय पर केंद्र और राज्यों के बीच बातचीत चल रही थी. अगर यह कदम उठाया गया तो ईंधन के दामों में बड़ी गिरावट आ सकती है और इससे जनता को सीधी राहत मिलेगी।
पीएम मोदी ने बताया कि आठ साल बाद जीएसटी की मौजूदा व्यवस्था की समीक्षा जरूरी थी. इसी उद्देश्य से सरकार ने एक हाई पावर रिव्यू कमेटी का गठन किया है, जिसने राज्यों से विचार-विमर्श शुरू कर दिया है. उन्होंने कहा कि आने वाले सुधार दिवाली से पहले लोगों के लिए उपहार साबित होंगे।
प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया कि नई व्यवस्था में रोजमर्रा की आवश्यक वस्तुओं पर टैक्स घटाए जाएंगे. इससे आम उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी और जीवनयापन की लागत कम होगी. साथ ही, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को भी विशेष लाभ होगा. टैक्स भार कम होने से छोटे उद्योगों की प्रतिस्पर्धा क्षमता बढ़ेगी और अर्थव्यवस्था को नई ऊर्जा मिलेगी।
मोदी ने कहा कि यह सुधार केवल कर ढांचे को सरल नहीं बनाएंगे, बल्कि देश की आर्थिक वृद्धि को भी नई दिशा देंगे. उन्होंने विश्वास जताया कि दिवाली तक नई जीएसटी संरचना लागू होगी, जिससे उपभोक्ता और उद्योग दोनों को “डबल गिफ्ट” मिलेगा, सस्ते दाम और मजबूत अर्थव्यवस्था।
भारत में जीएसटी व्यवस्था 1 जुलाई 2017 को लागू की गई थी. इसका उद्देश्य पूरे देश में एक समान टैक्स ढांचा बनाना था. अब लगभग सात वर्षों के अनुभव के बाद सरकार ने अगले चरण के सुधारों पर जोर दिया है. प्रधानमंत्री ने भरोसा जताया कि यह बदलाव भारत को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाएंगे और घरेलू बाजार को भी मजबूती देंगे।