अगले साल जनवरी में प्रयागराज में आयोजित होने वाले महाकुंभ मेले में आग बुझाने के लिए पहली बार तीव्र गति से कार्रवाई करने वाले 75 वाहनों का उपयोग किया जाएगा। इन वाहनों की आग बुझाने की क्षमता, पानी की तुलना में 20 गुना अधिक प्रभावी है। पुलिस महानिदेशक (अग्निशमन) अविनाश चंद्रा ने मीडिया को बताया, “ये वाहन एक टन क्षमता वाले हैं और आकार में छोटे होने के कारण ये संकरे स्थान पर आसानी से पहुंच सकते हैं।” उन्होंने बताया कि इस वाहन पर मौजूद 100 लीटर का टैंक, उतनी आग बुझाने में समर्थ होगा जितनी आग बुझाने में 2,000 लीटर पानी की आवश्यकता होती है। साथ ही इस वाहन में ब्रेकिंग उपकरण, कटिंग उपकरण, लिफ्टिंग उपकरण, ड्रिलिंग उपकरण, प्राथमिक उपचार के उपकरण आदि सभी सुविधाएं मौजूद रहेंगी। पुलिस महानिदेशक ने कहा, “मेले में पहली बार अग्निशमन नौकाओं का उपयोग किया जाएगा।
ये नौकाएं संगम क्षेत्र में रहेंगी और नदी के तट पर लगे तंबुओं में यदि आग लगती है तो नौका नदी के पानी का इस्तेमाल करते हुए 300-400 मीटर तक आग बुझाने का काम कर सकती हैं। विभाग इस तरह की छह नौकाएं खरीद रहा है। साथ ही रेत में चलने में सक्षम अग्निशमन वाहन भी उपयोग में लाए जाएंगे।” उन्होंने बताया कि महाकुंभ मेले के लिए इस बार आग बुझाने के लिए इस्तेमाल होने वाली 135 मोटरसाइकिल खरीदी गई हैं जिन्हें मेले में लगाया जाएगा। उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य है कि आग लगने के दो से तीन मिनट में उसे बुझाने का काम शुरू हो जाए। अविनाश चंद्रा ने कहा, “हमारा मुख्य उद्देश्य है कि मेले में आग लगे ही ना।
इसके लिए शुरुआती दौर से ही अग्निशमन विभाग, बिजली विभाग के साथ समन्वय रखेगा और तंबुओं में विद्युतीकरण के दौरान अग्निशमन विभाग के कर्मचारी मौजूद रहेंगे।” उन्होंने बताया कि इस बार कुंभ मेले में 50 दमकल केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं। साथ ही 50 अग्नि निगरानी टावर खड़े किए जा रहे हैं जहां से अग्निशमन कर्मचारी कहीं भी धुंआ उठने पर तत्काल इसकी सूचना नियंत्रण कक्ष को देंगे। चंद्रा ने बताया कि 2019 के कुंभ मेले में 166 दमकल गाड़ियां तैनात की गई थी और इस बार 350 के आसपास दमकल गाड़ियां तैनात करने की तैयारी है। पिछले (2019) कुंभ के 1,550 अग्निशमन कर्मियों के मुकाबले इस बार 2,000 से अधिक कर्मचारी तैनात किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि पिछली बार (2019 के कुंभ) मेला क्षेत्र 3,200 हेक्टेयर का था जिसे इस बार करीब 25 प्रतिशत बढ़ाकर 4,000 हेक्टेयर किया गया है।