भारत और कनाडा के बीच तनावपूर्ण संबंधों में एक नया मोड़ आया है। भारत की सख्त कूटनीतिक कार्रवाई के बाद कनाडा के प्रधानमंत्री ने भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर लगाए गए झूठे आरोपों पर सफाई दी है। यह कदम दोनों देशों के बीच चल रहे विवाद में सुधार की संभावना दिखा रहा है।
भारत की सख्ती का असर
हाल ही में भारत सरकार ने कनाडा के खालिस्तानी गतिविधियों को लेकर सख्त रुख अपनाया था। भारतीय अधिकारियों ने कनाडा से स्पष्ट कर दिया था कि झूठे आरोपों और राजनीतिक एजेंडे से संबंध खराब नहीं किए जाने चाहिए।
पीएम मोदी पर सफाई क्यों दी गई?
कनाडा के पीएम ने कहा कि उनके पिछले बयानों को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया और उनकी मंशा भारत के साथ रिश्ते खराब करने की नहीं थी। यह बयान भारत द्वारा मजबूत कूटनीतिक कदम उठाने के बाद आया है।
तनाव की पृष्ठभूमि
भारत और कनाडा के बीच तनाव खालिस्तानी समर्थकों की गतिविधियों के कारण बढ़ा था। भारत ने कनाडा पर इन गतिविधियों पर कार्रवाई न करने का आरोप लगाया, जिससे दोनों देशों के संबंधों में खटास आ गई।
क्या कहता है भारत?
भारत ने कनाडा के बयान का स्वागत किया है, लेकिन यह भी स्पष्ट किया है कि खालिस्तानी गतिविधियों पर ठोस कदम उठाए बिना रिश्तों में सुधार संभव नहीं है।
फ्यूचर क्या है?
विशेषज्ञों का मानना है कि कनाडा के नरम रुख से दोनों देशों के संबंधों में सुधार की संभावना है। हालांकि, दीर्घकालिक शांति के लिए दोनों देशों को अपने-अपने मुद्दों पर काम करना होगा।