खाटू श्याम दरबार में प्रेमिका की गजब चिट्ठी
बीते दिनों वैलेंटाइन डे के अवसर पर विश्व प्रसिद्ध खाटू श्याम जी मंदिर में प्रेमी जोड़ों की भारी भीड़ उमड़ी. सुबह आरती के समय से ही प्रेमी और प्रेमिकाएं बाबा से अपने प्रेम को अटूट रखने और शादी कराने की मन्नत मांग रहे थे. कुछ भक्त अपने अधूरे प्यार को पाने के लिए बाबा को चिट्ठी भी लिख रहे थे. ऐसे में एक प्रेमिका ने बाबा श्याम से अपने प्रेमी को मांगा है. हालांकि चिट्ठी में प्रेमिका ने अपना नाम नहीं लिखा है लेकिन, प्रेमी का नाम जरूर लिखा हुआ है. आइए आपको इसके बारे में डिटेल में बताते हैं आखिर क्या है ये मामला…
एक भक्त की अनोखी चिट्ठी
दरअसल, मंदिर में एक प्रेमिका की चिट्ठी मिली, जो अब सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है. आपको बता दें कि अपनी चिट्ठी में इस प्रेमिका ने बाबा से अपने प्रेमी को वापस मांगने की प्रार्थना की. इस चिट्ठी में उसने लिखा- बाबा मैं रोहन को अपनी जिंदगी में वापिस चाहती हूं. अगर वो मेरे लिए सही हो तो उसको मेरी जिंदगी में आप वापस भेज देना. मैं चाहती हूं, जिससे मेरी मंगनी हुई है उसी से शादी हो. मैं उसे खोना नहीं चाहती पर बाबा उसे मैं समझ नहीं पा रही शायद. आप तो सब जानते हो न ठाकुर जी. सब कुछ ठीक कर दो. मेरी शादी उससे हो जाए. हालांकि, चिट्ठी में प्रेमिका ने अपना नाम नहीं लिखा, लेकिन प्रेमी का नाम ‘रोहन’ लिखा था.
गुलाब और चिट्ठियों के साथ बाबा को भेंट
आपको बता दें कि हर साल वैलेंटाइन वीक में देश भर से नवविवाहित जोड़े और प्रेमी-प्रेमिका खाटू श्याम के दरबार में अपनी जोड़ी बनाने के लिए पहुँचते हैं। . भक्त बाबा श्याम के दर्शन कर गुलाब के फूल और प्रेम पत्र भेंट करते हैं ताकि बाबा उनकी प्रेम-इच्छा पूरी करें.इस दिन बाबा श्याम का विशेष श्रृंगार किया जाता है। मंदिर को पीले, लाल, नीले, नारंगी और गुलाबी फूलों से सजा कर बाबा श्याम को रत्न जड़ित सोने का मुकुट पहनाया जाता है। .
कौन हैं बाबा श्याम?
आपको बता दें कि बाबा श्याम को भगवान कृष्ण का अवतार माना जाता है. महाभारत के युद्ध में भीम के पौत्र बर्बरीक, जिनके पास तीन अचूक बाण थे, कौरवों की ओर से युद्ध करने जा रहे थे. भगवान कृष्ण ने ब्राह्मण के रूप में उनसे शीश दान में मांगा और बर्बरीक ने सहर्ष अपना शीश दान कर दिया. भगवान कृष्ण ने प्रसन्न होकर कहा कि कलियुग में वे ‘श्याम’ के नाम से पूजे जाएंगे और हारे हुए लोगों के सहारा बनेंगे.तभी से खाटू श्याम मे आस्था लेकर लोग उनकी पूजा करते हैं और अपने दिल की मुराद कहने यहाँ पहुँचते हैं।