अंकिता हत्याकांड: न्यायालय ने तीनों आरोपितों को हत्या का दोषी ठहराया: उत्तराखंड के बहुचर्चित अंकिता हत्याकांड में लगभग 26 महीनों तक चली सुनवाई के बाद शुक्रवार को न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने रिसार्ट स्वामी पुलकित आर्य, रिसार्ट प्रबंधक सौरभ भाष्कर एवं सहायक प्रबंधक अंकित गुप्ता उर्फ पुलकित को हत्या का दोषी करार दिया है।
इस मामले में 28 मार्च 2023 से ट्रायल की प्रक्रिया प्रारंभ हुई थी और 19 मई 2025 को अभियोजन एवं बचाव पक्ष की गवाही एवं जिरह समाप्त हुई। इस दौरान अदालत ने कुल 31 गवाहों की गवाही दर्ज की। न्यायालय ने पाया कि तीनों आरोपितों ने सुनियोजित तरीके से 19 वर्षीय युवती की हत्या कर, उसके शव को चीला नहर में फेंक दिया और सबूतों को मिटाने का प्रयास किया।
यह मामला 18 सितंबर 2022 को प्रकाश में आया था, जब पौड़ी जनपद के यमकेश्वर क्षेत्र स्थित वनंतरा रिसार्ट में कार्यरत डोभ-श्रीकोट गांव की निवासी युवती संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हो गई थी। इसके बाद 24 सितंबर को उसका शव रिसार्ट से लगभग 13 किलोमीटर दूर चीला नहर बैराज में बरामद हुआ। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में उसकी मौत जल में डूबने से हुई बताई गई, लेकिन साथ ही शरीर पर चोटों के निशान भी पाए गए थे, जो हिंसा की ओर इशारा करते थे।
युवती के पिता की शिकायत पर पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए तीनों आरोपितों को गिरफ्तार किया था। उन पर भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या), 201 (सबूत मिटाने), और अनैतिक देह व्यापार (निवारण) अधिनियम के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया था। पुलकित आर्य भाजपा नेता विनोद आर्य का पुत्र है, जिससे यह मामला और अधिक संवेदनशील हो गया था।
फिलहाल पुलकित आर्य अल्मोड़ा जेल, अंकित गुप्ता देहरादून जेल तथा सौरभ भाष्कर टिहरी जेल में बंद हैं। अब दोष सिद्ध होने के बाद अगली सुनवाई में अदालत इनकी सजा पर निर्णय सुनाएगी। इस निर्णय से पीड़िता के परिवार व समाज में एक उम्मीद जगी है कि न्याय प्रणाली दोषियों को उनके अपराध का दंड अवश्य देगी।