बड़ी ख़बर, घर का सपना – आपकी चाहत होगी पूरी :- लंबे समय से रियल एस्टेट सेक्टर में जीएसटी सुधार की मांग उठती रही है। जब से गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) लागू हुआ है, तब से विभिन्न सेक्टर्स इसमें सुधार की मांग करते आ रहे हैं। पिछले दिनों प्रधानमंत्री ने सुधार की घोषणा की तो लोगों को इससे काफी उम्मीदें बंधी लेकिन एक सेक्टर ऐसा है जिसे इसका सबसे ज्यादा फायदा होगा। जीएसटी सुधार के निर्णय से ये सेक्टर झूमने लगा है। यह सेक्टर कोई और नहीं बल्कि रियल एस्टेट है। जीएसटी रिफॉर्म्स का सबसे बड़ा लाभ आने वाले समय में घर खरीदने वालों को होने जा रहा है।
सीमेंट, स्टील, टाइल्स, सैनिटरी फिटिंग्स जैसे निर्माण मैटीरियल पर 18 से लेकर 28 प्रतिशत तक की टैक्स दरें लागू थीं, लेकिन बिल्डर्स को इसका आईटीसी नहीं मिलता था। इसका नतीजा यह हुआ कि प्रोजेक्ट्स की कुल लागत 6 से 8 प्रतिशत तक बढ़ गई और फ्लैट्स की कीमतें लाखों रुपये तक महंगी हो गईं। यही वजह रही कि हाउसिंग की मांग पर भी असर पड़ा और खरीदारों का सपना अधूरा रह गया। अब जीएसटी रेट कम होने से खरीदारों का अधूरा सपना पूरा होगा।
विशेषज्ञों का कहना है कि रियल एस्टेट सिर्फ एक इंडस्ट्री नहीं, बल्कि अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। इसमें 200 से ज्यादा सहयोगी इंडस्ट्रीज़ जुड़ी हुई हैं और यह करोड़ों लोगों को रोजगार देता है। ऐसे में जीएसटी सुधार की उम्मीद सिर्फ डेवलपर्स ही नहीं, बल्कि हर उस सेक्टर को थी जो हाउसिंग से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जुड़ा है।
अब जब सरकार जीएसटी दरों में कटौती और आईटीसी बहाल करने पर विचार कर रही है तो इसे एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है। इससे न सिर्फ घरों की कीमतें किफायती होंगी, बल्कि रोजगार और निवेश में भी भारी बढ़ोतरी होगी।
बिल्डर्स के मुताबिक वो सीमेंट, स्टील और अन्य मैटीरियल पर जीएसटी का पूरा भुगतान करते हैं। अगर सरकार जीएसटी दरों में कटौती और आईटीसी बहाल करती है तो घरों की कीमतें लगभग 10 प्रतिशत तक घट सकती हैं और खरीदारों को सीधा लाभ मिलेगा।’ आगामी जीएसटी सुधार रियल एस्टेट सेक्टर के लिए एक बड़ा सकारात्मक बदलाव है।
निर्माण सामग्रियों पर टैक्स कम होने से निर्माण लागत में 3-5% की कमी आएगी, जिससे विशेष रूप से अफोर्डेबल हाउसिंग को बढ़ावा मिलेगा। सरल टैक्स ढांचा खरीददारों में विश्वास बढ़ाएगा। इससे पहली बार घर खरीदने वालों की संख्या बढ़ सकती।