मर्यादा निभाते हुए देवर ने पिया ज़हर : देश में कई ऐसे रिश्ते हैं जो बेहद नाजुक और भावुक होते हैं उन्हीं में एक रिश्ता है भाई बहन का , नारद पोस्ट की खबर में आज ऐसे ही एक भाई और बहन के रिश्ते की कहानी बता रहा है, जो बुंदेलखंड में तो हर घर में प्रचलित है, लेकिन देश के अन्य राज्यों में कम ही लोग जानते होंगे ।
यह कहानी करीब 400 साल पहले ओरछा के दीवान हरदौल, उनकी बहन कुंजा बाई और उनकी भाभी चंपावती की है। याकि तो नहीं करेंगे आप लेकिन कहते हैं कि मरने के बाद भी भांजी की शादी में भात लेकर पहुंचे थे लाला हरदौल , आइये बताते हैं पूरा किस्सा लाला हरदौल ओरछा राजवंश के राजा जुझार सिंह के छोटे भाई थे। जुझार सिंह के कोई संतान नहीं थी। हालांकि लाला हरदौल उम्र में छोटे थे। इसलिए वह अपने भाई-भाभी के स्नेह के पात्र थे। लेकिन ईर्ष्या करने वालों से कौन बच सकता है।
लोगों ने लाला हरदौल और भाभी के रिश्तों पर प्रश्न उठाना शुरू कर दिया।शुरुआत में जुझार सिंह को यह कहने वाली बातें मिथ्या लगती थीं लेकिन जब रानी का स्नेह उम्र में उनसे बहुत कम लाला हरदौल पर ध्यान ज्यादा रहने लगा तो जुझार सिंह से यह सब देखा नहीं गया। और फिर एक दिन शक की आग में जुझार सिंह ने अपनी रानी को आदेश दिया कि वो भोजन में विष मिला कर लाला हरदौल को खिला दें। मगर यह सुनकर रानी हैरान हो गईं। एक तरफ पुत्र समान लाला हरदौल थे। दूसरी तरफ उनके पति की आज्ञा। लेकिन रानी ने पतिव्रत धर्म का पालन करते हुए हरदौल को जहर दे दिया।
उन्होंने हरदौल को जहर देने से पहले सारी बात बताई, जो उनके भाई जुझार सिंह ने कही थी। हरदौल ने भाभी की लाज रखने की खातिर हंसते हुए विष से भरा भोजन किया। हालाँकि किंवदंती है कि लाला हरदौल के मरने के बाद हरदौल से स्नेह रखने वाले उनके घोडे ने भी अपने प्राण त्याग दिए थे। एक अनोखी लेकिन प्रेरक कहानी यहीं खत्म नहीं होती बल्कि जब लाला हरदौल के निधन के बाद उनकी बहन कुंजा वती की पुत्री का विवाह होता है तब वह रोते हुए लाला हरदौल की समाधि पर गई और भांजी की शादी में आने का निमंत्रण दे कर आईं। कहा जाता है कि हरदौल ने अदृश्य रहकर अपनी भांजी की शादी में भात दिया। इसके बाद से अगर बुंदेलखंड में कहीं शादी होती है तो हरदौल को याद किया जाता है और उन्हें शादी में आमंत्रित किया जाता है। इसीलिए कहते हैं कि हमारे भारत का इतिहास सबसे रोचक है।