सीएम योगी ने सतपाल महाराज के लिए योजना बदली : संत के होने से राजनीति पवित्र हो जाती है – सतपाल महराज, वसुधैव कुटुंबकम् की भावना लेकर चलता है सनातन धर्म: सीएम योगी, महाकुम्भ में तीन दिवसीय सद्भावना सम्मेलन में पहुंचे सीएम योगी आदित्यनाथ, सद्भावना सम्मेलन भी सनातन की परम्परा और मूल्यों को लेकर चल रहा है: योगी, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ अपने व्यस्त कार्यक्रम के बावजूद मानव उत्थान सेवा समिति के सद्भावना सम्मेलन में हिस्सा लेने पहुंचे। सम्मेलन में पहुंचकर सीएम ने वहां मौजूद श्रृद्धालुओं को संबोधित किया। सीएम योगी ने कहा कि सद्गुरु सतपाल महराज के गुरुदेव एक सिद्ध योगी थे, उनकी साधना ने भारत के सनातन धर्म की पवित्र परम्परा से आगे बढ़कर मानव कल्याण का जो मार्ग प्रशस्त किया उसी परम्परा का निर्वहन करते हुए देश और दुनिया में सनातन धर्म के मूल्यों को को पूरी मजबूती के साथ स्थापित करने का काम सतपाल महराज इस सद्भावना सम्मेलन के माध्यम से कर रहे हैं।
सनातन धर्म यह तेरा या मेरा का संकुचित भाव लेकर नहीं चलता बल्कि वसुधैव कुटुम्ब की भावना लेकर चलता है और उसी सद्भावना का संदेश पूरी मानवता को लिए देने के लिए सनातन धर्म आगे बढ़ रहा है। जब पूरी दुनिया में मानवता कराह रही है, तब सनातन धर्म विश्व मानवता को एक मार्ग दिखा सकता है और यह मार्ग इस सद्भावना सम्मेलन के माध्यम से, इस सम्मेलन में उपस्थित समुदाय और उपस्थित श्रद्धालुओं के माध्यम से मिल सकता है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ अपने व्यस्त कार्यक्रम के समापन के बाद सीएम योगी सद्भावना सम्मेलन में हिस्सा लेने गए। मुख्यमंत्री ने सद्भावना सम्मेलन के उद्देश्यों की तरफ इशारा करते हुए कहा कि मानवता की सेवा ही असली महाकुंभ है। अपने संबोधन में सीएम ने यह भी बताया कि वह अपने आज के इस दौरे में एयरपोर्ट पहुंच गए थे स्टेट प्लेन में बैठने जा रहे थे तभी उन्होंने सतपाल महराज से बात की तो पता चला कि उनका कार्यक्रम अभी चल रहा है जिसके बाद वह एयरपोर्ट से वापस लौट आए और इस सम्मलेन में उनके साथ शामिल हुए।
सम्मलेन में सतपाल महाराज के अलावा मां अमृता रावत और महराज के बेटे विभु और सुयश महराज भी मौजूद रहे। यूपी के कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी भी उनके साथ थे। इस अवसर पर बोलते हुए सद्गुरु सतपाल महराज ने दिव्य और भव्य महा कुम्भ की व्यवस्था की सराहना करते हुए सीएम योगी का जिक्र किया और कहा कि संत जब राजनीति में होता है तो राजनीति निष्काम और पवित्र हो जाती है।