आपदा से अबतक ₹5 हजार करोड़ का आर्थिक नुकसान, अगले हफ्ते दौरा करेगी केंद्र की टीम :- उत्तराखंड में लगातार मानसूनी बारिश से अनुमानित 5,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है, जो 2013 की केदारनाथ त्रासदी के बाद से राज्य में हुई सभी प्राकृतिक आपदाओं से कहीं अधिक है।
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के आंकड़ों के अनुसार, उत्तरकाशी, पौड़ी, चमोली और रुद्रप्रयाग जैसे जिलों में बड़े पैमाने पर बादल फटने और मूसलाधार बारिश ने भारी तबाही मचाई है। अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि आकलन जारी रहने पर अंतिम आंकड़ा और भी बढ़ सकता है।
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इस तबाही ने सड़कों, पुलों, सार्वजनिक बुनियादी ढांचे और निजी संपत्तियों को प्रभावित किया है, जिससे तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता है। जिला मजिस्ट्रेट नुकसान की सीमा पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं, जिसे बाद में राज्य स्तर पर समेकित किया जाएगा।
राज्य आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने कहा, “जिलों से अंतिम रिपोर्ट मिलने के बाद, केंद्र सरकार को एक व्यापक प्रस्ताव प्रस्तुत किया जाएगा।”
उन्होंने आगे कहा, “इस वर्ष हुआ नुकसान पिछले वर्ष की तुलना में कई गुना अधिक है, जो हमारे सामने मौजूद अभूतपूर्व चुनौती को दर्शाता है।” पर्वतीय राज्य उत्तराखंड मानसून के मौसम में नियमित रूप से प्राकृतिक आपदाओं का सामना करता है।
2013 की केदारनाथ आपदा ने जहाँ भारी तबाही मचाई थी और व्यापक पुनर्निर्माण प्रयासों के कारण केदारपुरी का पुनरुद्धार हुआ था, वहीं इस साल कई जिलों में बादल फटने, भारी बारिश और भूस्खलन की घटनाएँ उस त्रासदी के बाद से सबसे बड़ा संचयी आर्थिक झटका हैं।
