उत्तराखंड के हरिद्वार जिले में कोतवाली रानीपुर पुलिस ने सुमन नगर पुलिया के पास चैकिंग के दौरान संदिग्ध स्थिति में दो मोटर साइकिलों पर सवार चार व्यक्तियों को रोका। पुलिस ने जब उनकी तलाशी ली, तो उनके पास से एक बड़ी मात्रा में नकली नोटों के अलावा विभिन्न उपकरण भी बरामद किए गए। इस कार्रवाई के दौरान कुल छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों के पास से पुलिस को दो लाख 25 हजार 500 रुपए के नकली नोट मिले हैं। इसके साथ ही दो लैपटॉप, तीन आईफोन, एक एंड्रॉइड फोन, एक जिओ कीपेड फोन, दो प्रिंटर और नोट छापने तथा जाली नोट तैयार करने के उपकरण भी बरामद हुए हैं। पुलिस ने इन सब सामग्री को जब्त कर लिया है और आरोपितों से पूछताछ कर रही है।
पूछताछ के दौरान आरोपितों ने खुलासा किया कि उन्होंने यूट्यूब पर उपलब्ध वीडियो से नकली नोट छापने की ट्रेनिंग ली थी। यह जानकारी बेहद चौंकाने वाली है, क्योंकि इससे यह स्पष्ट होता है कि आजकल तकनीकी माध्यमों का उपयोग किस तरह से अवैध कार्यों के लिए किया जा रहा है। इन व्यक्तियों ने तकनीकी ज्ञान का उपयोग करते हुए एक संगठित गिरोह का निर्माण किया था, जो नकली नोटों के कारोबार में संलग्न था। पुलिस के अनुसार, इस गिरोह ने काफी समय से नकली नोटों का कारोबार शुरू कर रखा था, जिससे आम जनता को आर्थिक नुकसान पहुंचाया जा रहा था। गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों के खिलाफ संबंधित धाराओं में मामला दर्ज किया गया है और उन्हें न्यायालय में पेश किया जाएगा।
इस घटना ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि सुरक्षा एजेंसियों को अपनी चौकसी और बढ़ानी होगी, ताकि इस तरह के गिरोहों का भंडाफोड़ समय पर किया जा सके। नकली नोटों का कारोबार केवल आर्थिक अपराध नहीं है, बल्कि यह देश की सुरक्षा के लिए भी खतरा है। पुलिस प्रशासन ने आम जनता से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत दें, ताकि इस तरह के अपराधों को समय रहते रोका जा सके, हरिद्वार में इस गिरोह का भंडाफोड़ करने के लिए कोतवाली रानीपुर पुलिस की सराहना की जानी चाहिए, जिन्होंने अपनी सतर्कता से इस गंभीर अपराध को उजागर किया। आगे भी इस तरह की कार्रवाई जारी रहने की उम्मीद है, ताकि समाज को इस प्रकार के अपराधों से मुक्त किया जा सके।