Haridwar में गंगनहर के बंद होने के कारण हरकी पौड़ी और आसपास के घाटों पर पानी की कमी हो गई है। विजयदशमी की रात से बंद हुई गंगनहर के चलते श्रद्धालुओं को स्नान और कर्मकांड करने में कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग ने गंगनहर को साफ-सफाई और मरम्मत के लिए आगामी 20 दिनों के लिए बंद करने का निर्णय लिया है। गंगनहर को शनिवार की देर रात भीमगोड़ा बैराज से बंद कर दिया गया था, जिसके परिणामस्वरूप रविवार को हरकी पौड़ी सहित सभी गंगा घाटों पर स्नान लायक जल नहीं रह गया। इससे श्रद्धालु मायूस होकर लौटने के लिए मजबूर हो गए।
हालांकि, संध्याकालीन गंगा आरती से पहले शाम चार से साढ़े चार बजे के बीच उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग ने बांध बनाकर अविरल धारा से हरकी पौड़ी पर दो से ढाई फुट जल पहुंचाया। लेकिन यह मात्रा स्नान के लिए अपर्याप्त थी। गंगनहर के बंद होने के कारण श्रद्धालुओं को न केवल स्नान करने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है, बल्कि कई कर्मकांड भी प्रभावित हो रहे हैं। भक्तजन पानी के बिना अपनी धार्मिक क्रियाओं को संपन्न नहीं कर पा रहे हैं, जिससे वे निराश हैं।
हरिद्वार में हरकी पौड़ी, जो कि गंगा नदी का एक प्रमुख घाट है, हमेशा श्रद्धालुओं से भरा रहता है। लेकिन गंगनहर के बंद होने से यह घाट सूना दिखाई दे रहा है। उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग प्रतिवर्ष इसी समय गंगनहर को साफ-सफाई और मरम्मत के लिए बंद करता है। विभाग ने आश्वासन दिया है कि 20 दिनों बाद गंगनहर को पुनः चालू कर दिया जाएगा और जल प्रवाह सामान्य हो जाएगा।