बहराइच में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन जुलूस के दौरान हुई हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। सोमवार को एक बार फिर से स्थिति बिगड़ गई, जब फायरिंग में मारे गए युवक रामगोपाल मिश्रा की शव यात्रा में शामिल लोगों ने कई गाड़ियों और दुकानों में आग लगा दी। ग्रामीण लाठी-डंडों के साथ सड़कों पर उतर आए हैं, जबकि पुलिस बल को स्थिति नियंत्रण में रखने के लिए तैनात किया गया है। रामगांव थाना क्षेत्र के रेहुआ मंसूर गांव से दुर्गा प्रतिमा विसर्जन जुलूस हरदी थाना क्षेत्र के महाराजगंज बाजार में पहुंचा था। यहां, धार्मिक स्थल के सामने डीजे बजाने पर समुदाय विशेष के लोगों ने 22 वर्षीय रामगोपाल मिश्रा को गोली मारकर हत्या कर दी। इस घटना के बाद आक्रोश फैल गया और लोगों ने प्रदर्शन करना शुरू कर दिया।
प्रदर्शन के दौरान आगजनी और पथराव की घटनाएं भी हुईं। हरदी पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे बहुसंख्यक समाज के लोगों पर लाठीचार्ज किया। स्थिति को काबू में करने के लिए डीएम मोनिका रानी ने बयान दिया, “हम स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश कर रहे हैं।” बिगड़ती स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एडीजी (कानून-व्यवस्था) और एसटीएफ चीफ अमिताभ यश को तुरंत बहराइच भेजने का आदेश दिया है। इस कदम से यह साफ है कि सरकार स्थिति को गंभीरता से ले रही है और शांति बहाल करने के प्रयास कर रही है।
सोमवार को पोस्टमार्टम के बाद रामगोपाल का शव घर पहुंचा, तो वहां कोहराम मच गया। हजारों की संख्या में लोग इकट्ठा हो गए और शव को लेकर तहसील परिसर की ओर चल दिए। ग्रामीण अपराधियों को फांसी देने और उनके घर पर बुलडोजर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। समाजवादी पार्टी के सांसद अवधेश प्रसाद ने इस घटना को दुखद बताते हुए कहा कि यह एक गंभीर विषय है और सभी को सौहार्द बनाए रखने के लिए प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा, “यह घटना जांच का विषय है।”