क्या आपने देखा सुना है कुत्तों का मंदिर: मान्यता और आस्था पर कोई बहस नहीं हो सकती है। हमारे देश में कब किसको देवता बना दिया जाय कहा नहीं जा सकता है। भारत में कई ऐसी रहस्यमयी और अनूठी चीजें हैं, जो आपको और कहीं नहीं मिलेंगी. इन्हीं में से एक है कर्नाटक के चन्नापटना में स्थित कुत्तों का मंदिर. जी हां, यह एक ऐसा मंदिर है जहां कुत्तों की पूजा की जाती है. अगर यह सुनकर आपकी आपके अंदर जिज्ञासा बढ़ गई है, तो आइए इस मंदिर के बारे में विस्तार से जानते हैं. कैसे इस मंदिर की निर्माण हुआ और किसने करवाया.
यह मंदिर कहां है?
यह मंदिर कर्नाटक के चन्नापटना शहर के एक छोटे से गांव अग्रहार वलगेरेहल्लि में स्थित है. चन्नापटना शहर अपने लकड़ी के खिलौनों के लिए मशहूर है और इसे “टॉय टाउन” भी कहा जाता है. यह जगह बेंगलुरु से करीब 60 किलोमीटर की दूरी पर है. भले ही बहुत कम लोग इस मंदिर के बारे में जानते हों, लेकिन फिर भी हर साल यहां देश-विदेश से कई श्रद्धालु आते हैं.
क्यों पूजा जाता है कुत्तों को?
गांववालों का मानना है कि कुत्ते देवी वीरमस्ति केम्पम्मा के रक्षक हैं. अगर कोई व्यक्ति इस मंदिर में आकर कुत्तों की पूजा करता है और उन्हें याद रखता है, तो उसकी परेशानियां खत्म हो जाती हैं. अगर किसी के घर में चोरी हो जाए, तो कुत्तों की पूजा करने से चोर को सजा मिलती है. इस मंदिर में हर गुरुवार और रविवार को विशेष पूजा होती है, जो देवी वीरमस्ति केम्पम्मा की पूजा के बाद की जाती है