हेमकुंड साहिब और लक्ष्मण मंदिर के कपाट आज, गुरुवार, को शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। बर्फबारी के बीच, दोपहर 12 बजे अंतिम अरदास का पाठ किया गया, जिसके बाद दरबार साहिब से पंच प्यारों की अगुवाई में गुरुग्रंथ साहिब को सचखंड में समर्पित किया गया। दोपहर एक बजे कपाट बंद करने की प्रक्रिया शुरू की गई। इस मौके पर पुणे के सुरिंदरपाल सिंह और उनके जत्थे ने दरबार साहिब में वर्ष का अंतिम कीर्तन किया। इस धार्मिक अवसर पर गढ़वाल स्काउट और पंजाब के बैंड भी मौजूद रहे, जिन्होंने इस समारोह को और भी भव्य बना दिया।
गुरुद्वारा के वरिष्ठ प्रबंधक सरदार सेवा सिंह ने जानकारी दी कि कपाट बंद होने के दौरान 2,500 से अधिक श्रद्धालु उपस्थित थे। उन्होंने बताया कि पिछले साल की तुलना में इस साल श्रद्धालुओं की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। इस वर्ष, कुल 2 लाख 37 हजार श्रद्धालु हेमकुंड साहिब और लक्ष्मण मंदिर आए। हेमकुंड साहिब और लक्ष्मण मंदिर सिख धर्म के महत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों में से एक हैं। यहाँ हर साल हजारों श्रद्धालु आते हैं, जो आध्यात्मिक अनुभव के लिए यहाँ पहुंचते हैं। कपाट बंद करने की प्रक्रिया एक विशेष धार्मिक अवसर है, जिसे श्रद्धालुओं द्वारा श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है।