खर्चीले या कंजूस कैसे इंसान सुखी होते हैं: दुनिया में कई प्रकार के लोग होते हैं। जिनकी अपनी अलग-अलग सोच होती है। खासकर पैसों को लेकर। कोई दिल खोलकर पैसे उड़ाता है, यानी कि खर्च करता है। जबकि कुछ लोग बेहद कंजूस टाइप के होते हैं। यह जरूरी चीजों पर ही खर्च करना पसंद करते हैं। यह सेविंग करना पसंद करते हैं। ऐसे में कई बार आपके मन में यह सवाल जरूर आया होगा कि सेविंग करने वाला अथवा दिल खोलकर पैसे उड़ाने वाला। इन दोनों में से कौन सबसे ज्यादा खुश है।इसी बात को लेकर हाल ही में एक रिसर्च किया गया। जिसमें जो बात सामने निकलकर आई, वह हैरान करने वाली हैं। रिसर्च में दावा किया गया कि लोग जो दिल खोलकर पैसा उड़ाते हैं। वह ज्यादा खुशी होते हैं। तो वहीं सेविंग करने वालों के बारे में क्या खुलासा हुआ, चलिए जानते हैं।
दोनों में से कौन सबसे ज्यादा खुश है
मीडिया रिपोर्ट की माने तो करीब 2 हजार अमेरिकी लोगों को लेकर एक पोल किया गया। जिसमें यह पाया गया कि 56 प्रतिशत लोग पैसा दिल खोलकर खर्च करते हैं। यह खर्च उन चीजों पर करते हैं, जिसे वह हासिल करना चाहते हैं। जबकि 34 प्रतिशत ऐसे लोग हैं। जो पैसा बचाने वाले हैं। यह पैसा सेव करने पर भरोसा करते है। यह पैसा तभी खर्च करते हैं जब किसी चीज की नितांत आवश्यकता होती है।
कौन है ज्यादा खुश!
रिपोर्ट की माने तो 10 फीसदी ऐसे भी लोग है जो खर्च से बचते हैं। यह किसी भी प्रकार पैसें खर्च नहीं करना चाहते हैं। शोध में यह भी साफ किया गया है कि जो पैसे खर्च करते हैं वह बेफिजूल नहीं करते हैं। यह अपने शौक पर पैसा उड़ाते हैं। यह सेविंग करने वाले की अपेक्षा दो गुना ज्यादा पैसा खर्च करते हैं। बावजूद यह सेविंग करने वालों की अपेक्षा ज्यादा खुश हैं।
क्यों हैं खुश !
अब सवाल उठता है कि बचत करने वालों की अपेक्षा पैसे उड़ाने वाले क्यों ज्यादा खुश हैं। तो स्टडी कहती है कि पैसे उड़ाने वाले भले ही सेविंग करने वाले की बजाय दो गुना रकम उड़ाते हो। लेकिन यह अपने बजट का ध्यान रखते हुए पैसे खर्च करते हैं। यह कल के बारे में कम सोचते है। यह जिंदगी वर्तमान में जीते हैं। तो वहीं बचत करने वाला भविष्य को लेकर ज्यादा चिंतित रहता है। इन्हें भविष्य टेंशन रहती है। जिस वजह से यह पैसे सोच-समझकर ही खर्च करना पसंद करते है। जिससे इनका भविष्य को सुरक्षित रहता है। भविष्य में पैसों की जरूरत पड़ने वह इनका सहारा बनता हैं। हालांकि रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि इंसान को कमाई का 30 प्रतिशत हिस्सा बचत में अवश्य रखना चाहिए।