मध्य पूर्व में लंबे समय से चल रहे संघर्ष के बीच इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच हाल ही में हुए सीजफायर ने शांति की उम्मीदें जगाई हैं। हालांकि, गाजा में जारी तनाव के कारण यह सवाल उठ रहा है कि क्या इस समझौते के बाद वहां भी स्थिरता आ सकेगी।
इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच संघर्ष ने हजारों लोगों को प्रभावित किया है। अंतरराष्ट्रीय दबाव के बाद हुए इस युद्धविराम ने संघर्षरत क्षेत्रों में अस्थायी राहत पहुंचाई है। हालांकि, इस बीच गाजा पट्टी में हिंसा और रॉकेट हमलों की घटनाएं जारी हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि हिजबुल्लाह के साथ सीजफायर का सकारात्मक असर गाजा पर पड़ सकता है। अगर दोनों पक्ष शांति बनाए रखते हैं, तो यह अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए गाजा में स्थायी समाधान की दिशा में काम करने का अवसर हो सकता है। युद्धविराम का समय सीमित है। ऐसे में यह देखना होगा कि क्या इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच तनाव दोबारा भड़क सकता है। अगर ऐसा होता है, तो गाजा में हिंसा और बढ़ सकती है। दूसरी ओर, यदि सीजफायर कायम रहता है, तो यह क्षेत्रीय शांति के लिए एक बड़ा कदम होगा। संयुक्त राष्ट्र और कई अन्य देशों ने सीजफायर का स्वागत किया है। उन्होंने गाजा में भी शांति बहाल करने की अपील की है। इस बीच, मानवाधिकार संगठनों ने गाजा में जारी मानवीय संकट को लेकर चिंता व्यक्त की है।
विशेषज्ञों का कहना है कि स्थायी शांति के लिए सभी पक्षों को वार्ता का रास्ता अपनाना होगा। गाजा में रहने वाले नागरिकों के लिए मानवीय सहायता और पुनर्वास कार्यक्रम चलाना भी बेहद जरूरी है।