तलाक के बाद जानें औरत के अधिकार: क्रिकेटर युजवेंद्र चहल और उनकी पत्नी धनश्री वर्मा का तलाक फाइनल हो चुका है। पिछले ढाई साल से अलग रह रहे चहल बतौर एलिमनी धनश्री वर्मा को 4.75 करोड़ देंगे। युजवेंद्र चहल और धनश्री वर्मा की शादी 22 दिसंबर 2020 को हुई थी। वैसे, क्या आप जानते हैं तलाक के बाद भी एक औरत को पति की किन-किन संपत्तियों पर अधिकार मिलता है? वो कौन-कौन सी चीजे हैं, जिन पर वो हक जता सकती है। आइए जानते हैं।
1- वैवाहिक संपत्ति
तलाक के बाद औरत का सिर्फ उस संपत्ति पर ही हक होता है, जो शादी के दौरान पति-पत्नी दोनों ने मिलकर कमाई हो। इसे ‘वैवाहिक संपत्ति’ कहते हैं। यानी तलाक के बाद किसी भी महिला का उसके पति की पैतृक संपत्ति पर कोई अधिकार नहीं होता है।
2- पति द्वारा खरीदी गई संपत्ति
इसके अलावा अगर कोई संपत्ति पति ने स्वयं खरीदी है, उस पर भी महिला का कोई अधिकार नहीं होता। हालांकि, अगर संपत्ति पति-पत्नी दोनों के नाम पर खरीदी गई है, तो तलाक के बाद भी महिला का हक उसमें रहेगा।
3- पत्नी के नाम पर खरीदी गई प्रॉपर्टी
अगर कोई संपत्ति बीवी के नाम पर खरीदी गई है, तो तलाक के बाद भी उस संपत्ति पर महिला का पूरा हक रहेगा। हालांकि, अगर संपत्ति पति ने खरीदी है, लेकिन उसमें पत्नी का कुछ योगदान रहा है, तो वो इसे कानूनी तौर पर साबित करने के बाद उस प्रॉपर्टी में अपना हिस्सा मांग सकती है।
4- वैवाहिक पीरियड में मिलने वाले गिफ्ट-कैश
वैवाहिक पीरियड के दौरान अगर किसी महिला ने कोई संपत्ति खुद कमाई है या फिर उसके माता-पिता ने बतौर गिफ्ट दी है, तो उसपर भी महिला का पूरा हक होता है। इनमें शादी में मिले गहने, तोहफ, कार, कैश या कोई दूसरे उपहार भी शामिल होते हैं।
5- गुजारा भत्ता (एलिमनी)
इसके अलावा तलाक के बाद महिला को कोर्ट की ओर से गुजारा भत्ता (एलिमनी) भी तय की जाती है। इसे कई चीजों को देखने के बाद ही फिक्स किया जाता है, जिसमें पति की आर्थिक स्थिति और महिला की जरूरतें शामिल होती हैं। अगर पति साल के 5 लाख रुपये कमाता है, लेकिन पत्नी 10 लाख रुपये गुजारा भत्ता मांगती है तो कोर्ट कभी इसकी इजाजत नहीं देगा। यानी तलाक के बाद महिला अपना गुजर-बसर करने के लिए पति से गुजारा भत्ता मांगने की हकदार होती है। गुजारा भत्ता मंथली या एकमुश्त राशि के रूप में भी दिया जा सकता है।
क्या तलाक के बाद बहू सास-ससुर की संपत्ति पर दावा कर सकती है?
बहू को अपने ससुर या सास की संपत्ति पर तत्काल कोई अधिकार नहीं होता। वैवाहिक घर के मामले में, जहां वो शादी के बाद अपने पति के साथ रहती थी, उसमें कानूनी मामला लंबित रहने तक उसे सुरक्षा व्यवस्था का अधिकार मिल सकता है। हालांकि, एक बार तलाक हो जाने के बाद उसे वहां रहने का भी कोई हक नहीं होता।