प्रयागराज में आयोजित होने वाला महाकुंभ 2025, विश्व के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से एक है, जिसमें 40 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। इस महा आयोजन को सुगम और व्यवस्थित बनाने के लिए योगी सरकार ने पूरी तत्परता से तैयारियाँ शुरू कर दी हैं। मेला और जिला प्रशासन ने मिलकर क्राउड मैनेजमेंट की योजना बनाई है, ताकि प्रमुख स्नान दिनों के दौरान कोई अव्यवस्था न हो।
आने और जाने के लिए अलग-अलग रास्ते निर्धारित किए गए हैं। श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं। योजना के अनुसार, पीक डेज में श्रद्धालुओं को 1 से 5 किलोमीटर और सामान्य दिनों में 1 किलोमीटर से ज्यादा पैदल यात्रा नहीं करनी पड़ेगी। इससे उन्हें आसानी से संगम तक पहुंचने में मदद मिलेगी।
महाकुंभ के प्रारंभ होते ही श्रद्धालुओं का आगमन शुरू हो जाएगा। मौनी अमावस्या के दिन सबसे अधिक 4 से 5 करोड़ श्रद्धालुओं के संगम आने की संभावना है। इस दिन विशेष ट्रैफिक व्यवस्था लागू की जाएगी, जिसमें सुबह 3 बजे से दोपहर 12 बजे तक का समय विशेष रूप से महत्वपूर्ण होगा। श्रद्धालुओं को संगम पर डुबकी लगाने के बाद तुरंत वापस भेजने की व्यवस्था की जाएगी, ताकि जाम की स्थिति उत्पन्न न हो।
मुख्यमंत्री के स्वच्छ कुंभ के संकल्प को पूरा करने के लिए प्रशासन ने विभिन्न प्रयास शुरू किए हैं। पूरे मेला क्षेत्र में प्लास्टिक के उपयोग को समाप्त करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। इसके स्थान पर इंदौर की बायो-फ्रेंडली थैलियों का इस्तेमाल किया जाएगा। व्यापारियों और श्रद्धालुओं को प्लास्टिक की बजाए झोलों का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।