उत्तराखंड के पूर्व विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन को गोलीकांड मामले में कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था, जबकि उनके सहयोगी उमेश कुमार को जमानत पर रिहा कर दिया गया। इस घटना के बाद चैंपियन ने जेल से अपनी पत्नी को एक चिट्ठी भेजी, जिसमें उन्होंने गुर्जर समाज से एक खास अनुरोध किया। उनके पत्र में यह आग्रह था कि आगामी गुर्जर महापंचायत को फिलहाल स्थगित कर दिया जाए, ताकि समाज में कोई अराजकता या तनाव न फैले।
चैंपियन के समर्थन में प्रस्तावित गुर्जर महापंचायत को अब टाल दिया गया है। उनका यह कदम दरअसल राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के मद्देनजर था, जिसमें उन्होंने समाज में शांति और सौहार्द बनाए रखने की अपील की थी। उनकी पत्नी रानी देवयानी सिंह ने इस पत्र को समाज के जिम्मेदारों और समर्थकों के बीच पढ़कर सुनाया, जिससे महापंचायत स्थगित करने का निर्णय लिया गया।
हालांकि, महापंचायत स्थगित होने के बावजूद गुर्जर समाज के लोग इस आयोजन के समर्थन में भारी संख्या में लंढौरा में पहुंच गए। बढ़ती भीड़ को देखते हुए रंग महल के गेट खोल दिए गए, जिससे हजारों लोग महल के अंदर प्रवेश कर गए। इस दौरान राष्ट्रीय वीर गुर्जर महासभा के अध्यक्ष रविन्द्र सिंह, जगादरी विधायक अर्जुन सिंह, मनीष सिंह तीतरो, और रविंदर कुमार सिंह मिरगपुर ने भीड़ को संबोधित किया और समाज में शांति बनाए रखने की अपील की।
इस घटना के बाद प्रशासन ने कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन और उनके परिवार के सभी हथियारों के लाइसेंस निलंबित कर दिए हैं, ताकि स्थिति और भी तनावपूर्ण न हो। इससे साफ जाहिर होता है कि प्रशासन इस पूरे मामले को गंभीरता से लेकर कानून-व्यवस्था बनाए रखने की कोशिश कर रहा है।
चैंपियन का समर्थन करने वाली महापंचायत को स्थगित किए जाने के बावजूद, गुर्जर समाज का विशाल जमावड़ा और उनकी सक्रियता से यह संकेत मिलता है कि इस समाज में अपने नेता के प्रति गहरी निष्ठा और समर्थन है। हालांकि, इस पूरे घटनाक्रम में प्रशासन और समाज दोनों के लिए शांति बनाए रखना चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है।
इस मामले में अब देखना होगा कि कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन की न्यायिक हिरासत और उनके खिलाफ चल रही कानूनी प्रक्रिया के परिणाम क्या होते हैं, और क्या समाज में इस घटनाक्रम के बाद शांति और संयम बनाए रखने के प्रयास सफल होंगे।