डीजीपी अभिनव कुमार के निर्देशानुसार गुमशुदा बच्चों, पुरुषों व महिलाओं को तलाश किये जाने के लिए प्रदेश में ऑपरेशन स्माइल अभियान को अगले दो महीने तक फिर चलाया जायेगा। इस अभियान को वर्ष 2015 से 13 बार चलाया गया है। इसी वर्ष 2024 में इस अभियान को चलाया गया, जिसमें 1370 गुमशुदाओं को बरामद किया गया। वर्ष 2015 से चलाये गये अभियान में जून 2024 तक 2951 बच्चे, 1721 महिला, 1309 पुरुष (कुल 5981 गुमशुदाओं) को बरामद किया जा चुका है।
पुलिस मुख्यालय स्तर पर अभियान की नोडल अधिकारी विशाखा अशोक भदाणे, पुलिस अधीक्षक, अपराध उत्तराखण्ड हैं। जनपदों में सहायक पुलिस अधीक्षक/अपर पुलिस अधीक्षक/पुलिस उपाधीक्षक को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। जनपद देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल व ऊधमसिंहनगर में 05-05 तलाशी टीम व शेष जनपदों में 01-01 तलाशी टीम (प्रत्येक टीम में उपनिरीक्षक-1, आरक्षी-4) का गठन किया गया है। प्रत्येक तलाशी टीम में गुमशुदा बरामद बच्चों व महिलाओं से पूछताछ हेतु एक महिला पुलिस कर्मी भी अनिवार्य रूप से नियुक्त की गयी है।
प्रत्येक टीमों की सहायता हेतु उपरोक्त तलाशी टीमों के अतिरिक्त 01-01 विधिक एवं टेक्निकल टीम का भी गठन किया गया है। इस अभियान हेतु अन्य सम्बन्धित विभागों/संस्थाओं यथा सी0डब्लू०सी०, समाज कल्याण विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, अभियोजन, श्रम विभाग, आश्रय गृह, एन०जी०ओ० एवं चाइल्ड हेल्प लाईन का सहयोग भी लिया जा रहा है।
जनपद व अन्य राज्यों के ऐसे स्थान जहां गुमशुदाओं के मिलने की सम्भवना अधिक है, जैसे शेल्टर होम्स/नारी निकेतन/वृद्धाआश्रम/संप्रेक्षण गृह/विशेष गृह ढाबे / कारखाने/बस अड्डे/रेलवे स्टेशन/ धार्मिक स्थान/आश्रम / धर्मशाला आदि में विशेष रूप से गुमशुदाओं को तलाश किया जायेगा।
नीलेश आनन्द भरणे, पुलिस महानिरीक्षक, अपराध एवं कानून व्यवस्था, उत्तराखण्ड द्वारा समस्त वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अभियान को सफल बनाये जाने के लिए दिशा-निर्देश दिए गये हैँ — वर्ष 2017 से बरामद हेतु शेष समस्त गुमशुदाओं को बरामद किये जाने हेतु सर्वसम्भव प्रयास किये जायें।
गुमशुदाओं का मिलान प्रदेश/सीमावर्ती राज्यों में बरामद लावारिस शवों से भी अनिवार्य रूप से किया जाये।
ऑपरेशन स्माइल में नियुक्त टीमों द्वारा अपने जनपदों के अतिरिक्त अन्य जनपदों के गुमशुदाओं को भी तलाश किये जाने का पूर्ण प्रयास किया जाये।
गुमशुदाओं के बरामद होने पर उनकी सुपुर्दगी/पुनर्वास के सम्बन्ध में नियमानुसार कार्यवाही की जाये।
बच्चों व महिलाओं से नियमानुसार पूछताछ की जाये।
बरामद बच्चों/महिला/पुरुषों के सम्बन्ध में किसी अपराध के घटित होने की जानकारी मिलने पर नियमानुसार कठोर वैधानिक कार्यवाही की जाये।