फर्जी कॉल्स से बचें, डिजिटल अरेस्ट से सुरक्षित रहें : बीते दिनों अपराधियों ने एक शिक्षिका के मोबाइल फोन पर वॉट्सऐप कॉल कर बेटी के सेक्स रैकेट में फंसे होने की जानकारी दी. सिर्फ इतना ही नहीं उसकी बेटी को छुड़वाने के एवज में कॉलर ने एक लाख रुपये की डिमांड भी कर डाली. इस कॉल से शिक्षिका को ऐसा सदमा लगा कि उसे हार्ट अटैक आ गया और अस्पताल पहुंचते-पहुंचते उसकी मौत हो गई….साइबर एक्सपर्ट कहते हैं कि पिछले कुछ महीनों से देखा जा रहा है कि साइबर क्राइम के लिए अपराधियों ने डिजिटल अरेस्ट का तरीका अपनाना शुरू कर दिया है ।
ये लोग व्हाट्सएप पर ऑडियो या वीडियो कॉल करते हैं, अक्सर ये पुलिस वाले, सीबीआई, सीआईडी, बैंक वाले या ऐसे ही कुछ नकली प्रोफाइल बनाकर कॉल करते हैं और एक ऐसा माहौल तैयार कर देते हैं कि सामने वाला पूरी तरह उनकी गिरफ्त में आ जाता है और वही करता जाता है जो वे कराते हैं. साइबर क्राइम करने वाले ये लोग भारत से भी हैं और बाहर के देशों से भी हैं. ये तुक्का लगाते हैं और बहुत सारे लोग इस हनी ट्रैप स्कैम में आसानी से फंस जाते हैं. एक्सपर्ट बताते हैं कि डिजिटल अरेस्ट को लेकर जितने भी मामले सामने आ रहे हैं, उन सभी में ये कॉमन है कि ये कॉल्स अनजान नंबरों से या व्हाट्सएप पर आती हैं।
अगर आप शिकायत के लिए नजदीकी पुलिस स्टेशन में नहीं जा पा रहे हैं तो साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 पर भी अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं. या फिर नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर भी अपनी शिकायत रजिस्टर कर सकते हैं. यहां भी पूरी सक्रियता के साथ आपकी शिकायत पर कार्रवाई होती है.
आपको फोन कर अगर कोई कह रहा है कि वह पुलिस थाने से बोल रहा है, फलां बात है तो हमेशा याद रखें कि कभी भी पुलिस अगर फोन करती है तो सीयूजी नंबर या लैंडलाइन नंबर से सामान्य कॉल करती है. पुलिस कभी व्हाट्सएप कॉल नहीं करती।
- जब भी व्हाट्सएप, फेसबुक या इंस्टाग्राम पर अनजान नंबर या प्रोफाइल से कॉल आए तो न उठाएं.
- अगर पुलिस की फोटो लगे नंबर से कॉल आ रहा है, तब तो बिल्कुल भी कॉल रिसीव न करें.
- अगर फोन उठा भी लिया है तो घबराएं नहीं और अपने बारे में या बच्चों को लेकर कोई भी जानकारी शेयर न करें. फोन को तुरंत काटें.
- अगर फिर से फोन आ रहा है तो उसे उठाने के बजाय इसकी जानकारी पुलिस या संबंधी को दें.
- इस नंबर की एफआईआर भले न करें लेकिन पुलिस में शिकायत जरूर करें.