मिट जाएंगे 7 जन्मों के पाप : बस संगम में इस दिन कर लें शाही स्नान, प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ की तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है. महाकुंभ भारतीय संस्कृति और आस्था का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन माना जाता है जिसका धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से विशेष महत्व भी होता है. प्रयागराज को इसलिए भी विशेष माना जाता है क्योंकि यहां पर गंगा यमुना और अदृश्य सरस्वती नदियों का संगम होता है जिसे त्रिवेणी संगम भी कहा जाता है.कहा जाता है कि महाकुंभ में स्नान करने से समस्त पापों से मुक्ति भी मिलती है साथ ही आत्मा और शरीर की शुद्धि का भी मार्ग माना जाता है.तो चलिए आज हम आपको इस रिपोर्ट में बताते हैं कि महाकुंभ का पहला शाही स्नान कब है.
शाही स्नान की परंपरा
महाकुंभ में शाही स्नान की परंपरा में सबसे पहले साधु संत स्नान करते हैं. उसके बाद आम श्रद्धालु गंगा के पवित्र जल में डुबकी भी लगते हैं. इतना ही नहीं ऐसा माना जाता है कि महाकुंभ के समय गृह और नक्षत्र की विशेष स्थिति के कारण संगम का जल भी चमत्कारी गुना से भर जाता है. यही वजह है की शाही स्नान को अत्यंत शुभ माना गया है. हिंदू पंचांग के अनुसार महाकुंभ 2025 में पहला शाही स्नान पौष पूर्णिमा के दिन होगा. जिसकी शुरुआत 13 जनवरी को सुबह 5:03 से शुरू होकर 14 जनवरी को रात्रि 3:56 तक रहेगी. जिसमें ब्रह्म मुहूर्त 5:27 से 6:21 तक तो विजय मुहूर्त 2:15 से लेकर 2:57 तक रहेगा.
इन बातों का रखें थ्यान
शाही स्नान के दौरान श्रद्धालुओं को कुछ विशेष नियम का पालन भी करना होता है. स्नान के समय संपूर्ण अथवा शैंपू का प्रयोग वर्जित माना जाता है. क्योंकि पवित्र जल को अशुद्ध करने वाला होता है या स्नान के बाद श्रद्धालु. अपनी श्रद्धा अनुसार इस दिन दान पुण्य भी कर सकते हैं साथ ही दीपदान भी कर सकते हैं ऐसा करने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है।