यात्रा मार्ग पर घोड़े-खच्चरों की सेहत से समझौता नहीं – सौरभ बहुगुणा : प्रदेश के पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने समय रहते एक बड़ा फैसला किया है और कहा है कि यात्रा के दौरान पशुओं को किसी तरह की बिमारी या रोग न हो इसका पुख्ता इंतज़ाम कर उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जाय। आपको बता दें कि चारधाम यात्रा 2025 30 अप्रैल से शुरू हो रही है और अब तक 5.17 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने पंजीकरण करवा लिया है, यात्रा की जोरदार तैयारी के बीच एक अहम खबर रुद्रप्रयाग जिले से आई है, यहां 12 घोड़े और खच्चरों में इक्वाइन इन्फ्लूएंजा वायरस (जिसे हॉर्स फ्लू भी कहा जाता है) के संक्रमण की पुष्टि हुई है, इससे सरकार अलर्ट हो गई है।
इक्वाइन इन्फ्लुएंजा पर अलर्ट हुआ पशुपालन विभाग
इक्वाइन इन्फ्लूएंजा एक संक्रामक श्वसन रोग है जो घोड़ों और खच्चरों में फ्लू जैसे लक्षण उत्पन्न करता है, इस मामले को लेकर पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने एक बैठक आयोजित की और अधिकारियों को निर्देश दिए कि आगामी चारधाम यात्रा को ध्यान में रखते हुए इस वायरस का संक्रमण फैलने से रोकने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएं। मंत्री सौरभ ने निर्देश दिए कि घोड़ों और खच्चरों की स्क्रीनिंग सबसे महत्वपूर्ण कार्य होनी चाहिए, ताकि यात्रा में शामिल होने वाले संक्रमित पशुओं को रोका जा सके, इसके साथ ही रुद्रप्रयाग, टिहरी, उत्तरकाशी, बागेश्वर और चमोली जिलों में स्थित पशु रोग नियंत्रण चौकियों पर सभी घोड़ों और खच्चरों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जाए।
संक्रमित पशुओं को मिले उचित देखभाल – सौरभ बहुगुणा
इस बीमारी को नियंत्रित करने के लिए, कैबिनेट मंत्री बहुगुणा ने यह भी सुनिश्चित करने का आदेश दिया है कि अन्य राज्यों से आने वाले घोड़े और खच्चरों को यात्रा से पहले स्वास्थ्य प्रमाणपत्र और इक्वाइन इन्फ्लूएंजा की निगेटिव रिपोर्ट के साथ ही राज्य में प्रवेश दिया जाए, इसके अलावा, क्वारंटीन केंद्रों की स्थापना करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि संक्रमित पशुओं को उचित देखभाल मिल सके। साथ ही, मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि किसी भी लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, और जो अधिकारी नियमों का पालन नहीं करेंगे, उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी।