दुनिया पर मंडरा रहा युद्ध का खतरा और सामने आ गयी है दो दोस्तों की दुश्मनी , कौन है वो दो मुल्क जो कभी दोस्त थे दुनिया उनकी दुश्मनी का खामियाज़ा भुगतने के खतरे से आशंकित है। आइये आपको बताते हैं कौन है वो देख और जान लेते हैं कि दोनों देशों में कौन कितना ताकतवर है? किसकी सेना मजबूत है और किसके पास कितने हथियार हैं? दुनियाभर में आज एक ही चर्चा है की ईरान इज़राइल तनाव को कैसे खत्म किया जायेगा ?
क्या युद्ध ही विकल्प होगा या अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता से खतरा टल जायेगा। इसी के साथ हम आपको दोनों मुल्कों की ताक़त के बारे में बता रहे हैं। ईरान में आबादी ही इजराइल से दस गुना अधिक है. ग्लोबल फायरपावर के साल 2024 के इंडेक्स के मुताबिक ईरान की आबादी 8,75,90,873 है. वहीं, इजरायल की आबादी 90,43,387 बताई गई है. न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ईरान की सशत्र सेनाएं पश्चिम एशिया में सबसे बड़ी सेना हैं. इन सेनाओं में कम से कम 5,80,000 सैनिक हैं. इनके अलावा करीब 200,000 प्रशिक्षित रिजर्व सैन्य कर्मी हैं. ईरान के पास मिसाइलों का जबरदस्त बेड़ा है. इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रैटेजिक स्टडीज की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि पश्चिम एशिया में ईरान के पास बैलिस्टिक मिसाइलों और ड्रोन का सबसे भारी भरकम भंडार है. इनमें क्रूज मिसाइलें और एंटीशिप मिसाइलें भी शामिल हैं. 2,000 किलोमीटर तक मार करने में सक्षम बैलिस्टिक मिसाइलें भी इनमें शामिल हैं।
टैंकों की संख्या के मामले में आगे ईरान
जमीन पर युद्ध के लिए ताकत की बात करें तो इस मामले में भी ईरान आगे है. इजराइल के पास टैंकों की संख्या 1,370 बताई जा रही है, जबकि ईरान के पास 1,996 टैंक हैं. हालांकि, इनमें से इजराइल के पास मर्कवा जैसे आधुनिक टैंक हैं. वहीं, नौसेना की बात करें तो इस मामले में ये दोनों ही देश बहुत मजबूत स्थिति में नहीं हैं. नौसेना के मामले में न तो इजराइल बहुत मजबूत है और न ही ईरान. हालांकि, ईरान के पास छोटी नावें हैं और कहा जा रहा है कि इनके जरिए भी बड़े हमले कर सकता है. ग्लोबल फायरपावर की मानें तो ईरान के बेड़े में ऐसी नावों की संख्या 67 और पनडुब्बियों की संख्या 19 है. वहीं, इजराइल के पास ऐसी 101 नावें और पांच पनडुब्बियां है।
हवा में मार करने के लिए इजराइल के पास ज्यादा ताकत
जवानों के मामले में अगर ईरान भारी पड़ता दिख रहा है तो हथियारों के मामले में इजराइल आगे है. खासकर हवा में इजराइल की स्थिति मजबूत है. ग्लोबल फायरपावर इंडेक्स के आंकड़े बताते हैं कि इजराइल के पास कुल लड़ाकू विमानों की संख्या 612 है. वहीं, ईरान के पास 551 लड़ाकू विमान हैं. इजराइल की वायु सेना में अत्याधुनिक एफ-15एस, एफ-16एस और एफ-355 जैसे लड़ाकू विमान शामिल हैं. ईरान के लड़ाकू विमान इतने आधुनिक नहीं हैं।
इजराइल परमाणु शक्ति में आगे
युद्ध की बात हो रही है तो परमाणु क्षमता भी आंक ही लेनी चाहिए. इस मामले में इजराइल को आगे बताया जा रहा है. स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि इजराइल के पास करीब 80 परमाणु हथियार है. इनमें से केवल ग्रेविटी बम की संख्या 30 है. ग्रेविटी बमों को विमानों द्वारा भी गिराया जा सकता है. वहीं, इजराइल के 50 अन्य परमाणु हथियारों से हमला करने के लिए मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों की जरूरत होगी. इन मिसाइलों के जरिए 50 परमाणु बमों को छोड़ा जा सकता है।
सैनिकों की संख्या कम पर हर इजराइली हथियार चलाने में माहिर
इजराइली सैन्य बलों की बात करें तो उसके पास सेना, नौसेना और अर्धसैनिक बलों में कुल 1,69,500 सैनिक हैं. हालांकि, इजराइल अपने नागरिकों को हर परिस्थिति के लिए तैयार रखता है. वहां हर नागरिक को अनिवार्य रूप से सेना में काम करना ही होता है. इसलिए रिजर्व बलों में उसके सैनिकों की संख्या 4,65,000 और अर्धसैनिक बलों में 8,000 जवान रिजर्व हैं. जरूरत पड़ने पर इजराइल में हर आम इंसान हथियार उठा सकता है।