महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में प्रचार का माहौल गरमाया हुआ है, जहां विभिन्न राजनीतिक दल अपनी-अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। इस चुनावी माहौल में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने भी अपनी एंट्री कर दी है, और महाराष्ट्र में बीजेपी के लिए एक नया अभियान शुरू किया है। इस अभियान को ‘सजग रहो’ नाम दिया गया है, जो आरएसएस के 65 से अधिक सहयोगी संगठनों के जरिए चलाया जा रहा है। इस अभियान को ‘स्पेशल 65’ भी कहा जा रहा है।
आरएसएस का उद्देश्य क्या है?
RSS का यह अभियान सिर्फ बीजेपी को मजबूत करने के लिए नहीं है, बल्कि इसका एक और उद्देश्य है—हिंदू समाज के बीच जातिवाद को समाप्त करना और हिंदू एकता को प्रोत्साहित करना। ‘सजग रहो’ अभियान का मकसद हिंदुओं को जातिवाद के बजाय एकजुट करना और उनके बीच एक सकारात्मक जागरूकता फैलाना है। आरएसएस का मानना है कि यह अभियान चुनावी परिणाम पर असर डालेगा और कहीं न कहीं इससे महायुति गठबंधन को लाभ होगा।
इस अभियान के तहत आरएसएस और उसके सहयोगी संगठन महाराष्ट्र के विभिन्न हिस्सों में जनता को जागरूक कर रहे हैं। खास बात यह है कि इस अभियान को बांग्लादेश में हिंदुओं पर हुए हालिया हमलों के संदर्भ में भी जोर दिया जा रहा है। संघ ने इसे हिंदू समाज को एकजुट करने की दिशा में एक जरूरी कदम बताया है, ताकि लोग अपनी ताकत को पहचान सकें और समाज में फैल रहे विभाजन से बच सकें।
अभियान की टाइमिंग और इसका राजनीतिक असर
राजनीति के जानकार मानते हैं कि आरएसएस ने इस अभियान की शुरुआत जिस समय की है, उसकी टाइमिंग बहुत ही खास है। चुनावी माहौल में ‘सजग रहो’ अभियान का आगाज बीजेपी के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। चुनावी मौसम में हिंदू मतदाताओं को एकजुट करने की दिशा में यह कदम महायुति गठबंधन को महत्वपूर्ण सहायता प्रदान कर सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इस अभियान के माध्यम से महायुति हिंदू वोट बैंक को अपनी ओर आकर्षित करने की कोशिश कर रही है।
कांग्रेस और महाविकास अघाड़ी के खिलाफ यह अभियान महायुति को एक नया बल दे सकता है, क्योंकि RSS का यह प्रयास महाराष्ट्र के हिंदू मतदाताओं को यह संदेश दे रहा है कि वे एकजुट रहें और जातिवाद की बजाय राष्ट्रीय हितों को प्राथमिकता दें। इसके अलावा, RSS का मानना है कि इस अभियान का असर जमीन पर देखने को मिलेगा और इसके परिणामस्वरूप महायुति गठबंधन को वोटों का लाभ मिलेगा।
‘सजग रहो’ अभियान का राष्ट्रीय दृष्टिकोण
यह अभियान लोकसभा चुनाव के बाद आरएसएस द्वारा चलाए जा रहे तीन राष्ट्रीय अभियानों का हिस्सा है। इन अभियानों का उद्देश्य हिंदू समाज को एकजुट करना और विभिन्न आंतरिक मुद्दों से बाहर लाना है। RSS से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, ‘सजग रहो’ अभियान के पहले दो सूत्र हैं—उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की टिप्पणी “बांटेंगे तो काटेंगे” और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टिप्पणी “एक हैं तो सेफ हैं”। इन दोनों टिप्पणियों के माध्यम से आरएसएस ने संदेश दिया है कि हिंदू समाज को एकजुट होकर अपने अधिकारों की रक्षा करनी चाहिए।
क्या यह अभियान किसी के खिलाफ है?
RSS से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, ‘सजग रहो’ अभियान किसी भी पार्टी या व्यक्ति के खिलाफ नहीं है। इसका मुख्य उद्देश्य हिंदू समाज के भीतर जातिवाद और सामाजिक विभाजन को समाप्त करना है, ताकि समाज में एकता और समानता का वातावरण बन सके। इसके अलावा, RSS के स्वयंसेवक और 65 से अधिक गैर सरकारी संगठन इस अभियान को लोगों तक पहुंचाने के लिए बैठकें आयोजित कर रहे हैं, ताकि वे इस संदेश को हर घर तक पहुंचा सकें।