भूकंप से बचाएंगे युवा आपदा के कमांडो :- उत्तराखंड में आपदा सरकार और विभागों के लिए एक भीषण चुनौती है। आये दिन भारी संख्या में ज़िंदगियाँ इस विभीषिका में खत्म हो जाती है और बेहिसाब नुकसान लोगों को उठाना पड़ता है। इसी विपदा से निपटने के लिए अब तैयार हो रहे हैं युवा आपदा मित्र जो एक ट्रेंड कमांडो की तरह लोगों की जिंदगियां बचाएंगे।
युवा आपदा मित्र योजना के तहत एसडीआरएफ जौलीग्रांट में एनएसएस के स्वयंसेवकों का प्रशिक्षण प्रारंभ हुआ। वाहिनी मुख्यालय, जौलीग्रांट (देहरादून) में सेनानायक अर्पण यदुवंशी ने युवा आपदा मित्र प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत एनएसएस के स्वयंसेवकों के प्रथम बैच का उद्घाटन किया। उत्तराखण्ड के 11 जनपदों से कुल 4,310 स्वयंसेवकों को आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
इसमें एनएसएस के 850, एनसीसी के 1,700, नेहरू युवा केंद्र के 850 तथा भारत स्काउट्स एंड गाइड्स के 910 स्वयंसेवक शामिल हैं। वहीं एसडीआरएफ जौलीग्रांट में नेहरू युवा केंद्र के 576 एवं एनएसएस के 644, कुल 1,220 स्वयंसेवकों को 17 बैचों में प्रशिक्षित किया जाएगा।
प्रशिक्षण 13 अक्टूबर से मार्च 2026 तक होगा आयोजित
प्रथम बैच में 35 स्वयंसेवक प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। यह 7 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम 13 से 19 अक्टूबर तक चलेगा। प्रशिक्षण के दौरान प्रतिभागियों को फर्स्ट एड, जनरल डिजास्टर मैनेजमेंट, सर्च तकनीक और रोप रेस्क्यू जैसे विषयों पर सैद्धांतिक और व्यवहारिक ज्ञान प्रदान किया जाएगा।
उद्घाटन अवसर पर सेनानायक अर्पण यदुवंशी ने कहा कि युवा आपदा मित्र योजना के तहत यह प्रशिक्षण न केवल युवाओं में आपदा प्रबंधन के प्रति जागरूकता बढ़ाएगा, बल्कि उनमें सेवा भावना, उत्तरदायित्व और नेतृत्व के गुणों को भी सुदृढ़ करेगा। उन्होंने कहा कि युवा आपदा मित्र राज्य की आपदा तैयारियों को नई दिशा देंगे और स्थानीय स्तर पर त्वरित राहत एवं सहायता कार्यों में अहम भूमिका निभाएंगे।
रेंजर व रोवर ने भारी वस्तुओं को उठाने के तरीके सीखे
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा प्रायोजित युवा आपदा मित्र योजना के तहत भारत स्काउट्स एंड गाइड्स को आपदा के समय भारी वस्तुओं को सुरक्षित ढंग से उठाने, बाढ़ की स्थिति में नदी व नालों को पार करने तथा बाढ़ में फंसे हुए पीड़ितों की खोज एवं बचाव कार्य से संबंधित प्रशिक्षण दिया गया साथ ही प्रशिक्षकों ने आंधी-तूफ़ान, बादल फटने और बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं की स्थिति में सुरक्षित स्थान पर पहुंचने, प्राथमिक उपचार प्रदान करने, तथा टीम के साथ समन्वय बनाकर कार्य करने की विधियां भी समझाईं।
सभी प्रतिभागियों को आपदा की स्थिति में शांत रहना, एक-दूसरे की सहायता करना और स्थानीय प्रशासन के निर्देशों का पालन करना सिखाया गया। प्रशिक्षकों ने बताया कि किसी भी आपदा में घबराने के बजाय संयम, समझदारी और तत्परता से कार्य करने से अनेक जीवन बचाए जा सकते हैं। प्रशिक्षण ने प्रतिभागियों में आत्मविश्वास, नेतृत्व क्षमता और सामाजिक दायित्व की भावना को सशक्त किया। कार्यक्रम के अंत में सभी प्रतिभागियों ने आपदा मित्र के रूप में समाज में जागरूकता फैलाने और आपदा के समय बचाव दल का एक सक्रिय हिस्सा बनने का संकल्प लिया।
एनसीसी कैडेट्स को बताया, कैसे करें भूकंप का सामना
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा संचालित “युवा आपदा मित्र परियोजना” के अंतर्गत एन.सी.सी. कैडेट्स हेतु आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत आज प्रशिक्षणार्थियों को भूकंप तथा उससे बचाव के उपायों के संबंध में विस्तृत जानकारी प्रदान की गई।
कार्यक्रम के दौरान एन.डी.आर.एफ. टीम द्वारा मौके पर मॉक ड्रिल (भूकंप अभ्यास) का आयोजन किया गया, जिसमें प्रतिभागियों ने भवनों के अंदर फँसे व्यक्तियों को सुरक्षित निकालने के व्यावहारिक तरीकों का अभ्यास किया।
इसके पश्चात् प्रशिक्षणार्थियों को सर्पदंश, डॉग बाइट तथा अन्य पशु-दंश की स्थिति में किए जाने वाले प्राथमिक उपचारों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। साथ ही, घायलों को इंडिकेटिंग के माध्यम से सुरक्षित रूप से स्थानांतरित करने की विधियों का भी प्रदर्शन किया गया। कार्यक्रम में मास्टर ट्रेनर मनोज कंडियाल द्वारा प्रतिभागियों को भूकंप से बचाव, प्राथमिक उपचार एवं आपदा के समय सावधानी बरतने के संबंध में उपयोगी जानकारी प्रदान की गई।