अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बच्चे यानी AI बेबी पैदा होंगे. इस तकनीक की मदद से भ्रूण के विकसित होने के दौरान कई चीजों की भविष्यवाणी की जा सकेगी. जैसे- यह भ्रूण कितना सफल होगा. इसमें अनुवांशिक बीमारियां ट्रांसफर होंगी या नहीं. और उन चीजों के बारे में भी बताया जा सकेगा, जिसे इंसानी आंखों नहीं देख पा रही हैं. अमेरिका में इस तकनीक का इस्तेमाल करके AI बेबी पैदा किए जा सकेंगे. इसकी तैयारी पूरी हो गई है।
क्या है AI बेबी ?
एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस तकनीक का इस्तेमाल आईवीएफ प्रोसेस में होगा. आईवीएफ एक तरह का फर्टिलिटी ट्रीटमेंट जिसका इस्तेमाल उन लोगों के लिए किया जाता है जो बच्चा पैदा करने में असमर्थ हैं. इस प्रक्रिया के जरिए बांझपन का इलाज किया जाता है. आईवीएफ प्रक्रिया के दौरान भ्रूण को विकसित करके महिला के गर्भ में ट्रांसप्लांट किया जाता है।
नया तरीका क्यों राहत देने वाला साबित हो सकता है, अब इसे समझ लेते हैं. दरअसल, आईवीएफ की प्रक्रिया के दौरान भ्रूण विकसित किया जाता है. इसके बाद यह जांचा जाता है कि भ्रूण का विकास सफलतापूर्वक हुआ या नहीं. इसके बाद ही भ्रूण को महिला के गर्भ में ट्रांसप्लांट किया जाता है.जांच की यह प्रक्रिया काफी महंगी है. दुनिया के कई देशों में इसके एक सेशन के लिए करीब 10 लाख रुपए लिए जाते हैं. इसके बाद ही भी गारंटी नहीं होती है कि नया भ्रूण सफल होगा. रिपोर्ट के मुताबिक, दुनियाभर में आईवीएफ के मामलों में सक्सेस रेट मात्र 24 फीसदी ही होता है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बच्चे बनेंगे निःसन्तानों के लिए वरदान
रिपोर्ट के मुताबिक, आईवीएफ प्रक्रिया के दौरान आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए उसका सक्सेस रेट बढ़ाया जा रहा है. दावा किया गया है कि AI अल्गोरिदम का प्रयोग करके आईवीएफ का सक्सेस रेट 30% तक भी बढ़ाया जा सकता है. प्रेग्नेंसी के मामले में फिलहाल इस तकनीक का इस्तेमाल यूरोप, एशिया, दक्षिण अमेरिका में हो रहा है. अब अमेरिका में बड़े स्तर पर इसकी शुरुआत हो सकती है।