महाराष्ट्र में राजनीति का माहौल हाल ही में एक विवादित बयान के चलते गरमा गया है। शिवसेना के विधायक संजय गायकवाड़ ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ एक आपत्तिजनक टिप्पणी की है, जिससे राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है। इस बयान के बाद भाजपा और कांग्रेस दोनों ने प्रतिक्रिया दी है, जो राजनीतिक परिदृश्य में एक नई दिशा को इंगित करती है।
शिवसेना विधायक संजय गायकवाड़ ने राहुल गांधी के अमेरिका में आरक्षण को लेकर दिए गए बयान पर नाराजगी जताते हुए विवादित एलान किया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की जीभ काटने वाले को 11 लाख रुपये का इनाम देंगे। गायकवाड़ ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने भारत में आरक्षण व्यवस्था को खत्म करने की बात की है, जो उनके अनुसार, कांग्रेस का असली चेहरा दिखाता है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी का यह बयान लोगों से सबसे बड़ा विश्वासघात है और यह उन वर्गों के लिए एक बड़ा झटका है जो आरक्षण के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
इस विवादास्पद बयान पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने स्पष्ट किया कि वे संजय गायकवाड़ के बयान का समर्थन नहीं करते। बावनकुले ने कहा, “हम यह नहीं भूल सकते कि देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित नेहरू ने आरक्षण का विरोध किया था और राजीव गांधी ने भी आरक्षण को लेकर नकारात्मक टिप्पणी की थी। राहुल गांधी के बयान पर हम अपनी स्थिति स्पष्ट कर चुके हैं।” हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा का लक्ष्य राहुल गांधी की टिप्पणियों को लेकर मुद्दा उठाना है, न कि विधायक के विवादित बयान का समर्थन करना है।
कांग्रेस ने गायकवाड़ के बयान की कड़ी आलोचना की है। महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रवक्ता अतुल लोंढे ने कहा कि संजय गायकवाड़ समाज और राजनीति में रहने लायक नहीं हैं और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। कांग्रेस के एमएलसी भाई जगताप ने भी गायकवाड़ की आलोचना करते हुए कहा कि ऐसे बयान राज्य की राजनीति को नुकसान पहुंचाते हैं और इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
संजय गायकवाड़ विवादित बयानों के लिए जाने जाते हैं। हाल ही में एक पुलिसकर्मी द्वारा विधायक की गाड़ी धोने का वीडियो सामने आया था, जिसमें गायकवाड़ ने कहा था कि पुलिसकर्मी ने गाड़ी के भीतर उल्टी कर दी थी और अपनी मर्जी से गाड़ी को साफ कर रहा था। इससे पहले फरवरी में गायकवाड़ ने एक शेर के शिकार और उसके दांत को लेकर विवादित टिप्पणी की थी, जिसके बाद वन विभाग ने उनके खिलाफ मामला दर्ज किया था।
भाजपा विधायक नीतेश राणे के खिलाफ भी भड़काऊ भाषण देने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है। 11 सितंबर को नवी मुंबई में गणेश उत्सव के दौरान दिए गए अपने भाषण में राणे ने अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ विवादित बयान दिए और लोगों को भड़काने की कोशिश की। पुलिस ने इस मामले में राणे और कार्यक्रम के आयोजक के खिलाफ मामला दर्ज किया है। आयोजक ने कार्यक्रम की अनुमति भी नहीं ली थी, और इस घटना ने भी विवाद को जन्म दिया है।
महाराष्ट्र पुलिस विधि अधिकारी संगठन ने सोमवार को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मुलाकात कर एक ज्ञापन सौंपा। इस ज्ञापन में संगठन ने सरकारी विभागों में काम कर रहे विधि अधिकारियों की सैलरी में असमानता का मुद्दा उठाया। अधिकारियों ने सीएम से अपील की कि वे इस असमानता को दूर करने के लिए उचित कदम उठाएं, क्योंकि पुलिस विभाग के कानूनी अधिकारियों को चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में काम करना पड़ता है और उनकी सैलरी अन्य विभागों के अधिकारियों के मुकाबले कम है।