स्वर्ण मंदिर में तैनात होंगी एयर डिफेंस गन: भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच एक ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। पहली बार स्वर्ण मंदिर जैसे पवित्र और ऐतिहासिक स्थल की सुरक्षा के लिए एयर डिफेंस गन तैनात की जाएगी। यह फैसला पाकिस्तान द्वारा भारत के धार्मिक स्थलों को निशाना बनाने की कोशिशों के बाद लिया गया है।
पिछले कुछ समय से पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ अपने नापाक इरादे तेज कर दिए हैं। हाल ही में सामने आई खुफिया जानकारी से पता चला है कि पाकिस्तान ने ड्रोन और मिसाइल के जरिए अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर को निशाना बनाने की योजना बनाई थी। हालांकि भारत के मजबूत एयर डिफेंस सिस्टम ने समय रहते इस खतरे को टाल दिया और पाकिस्तान की साजिश को नाकाम कर दिया।
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने कड़ा जवाब देते हुए पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) और पाकिस्तान के भीतर स्थित कई आतंकवादी ठिकानों को तबाह कर दिया। इस कार्रवाई के बाद पाकिस्तान बौखला गया और उसने भारत के कई शहरों पर ड्रोन हमले की योजना बनाई। विशेष रूप से धार्मिक स्थलों को निशाना बनाकर वह भारत की सांप्रदायिक एकता को चोट पहुँचाना चाहता था।
पाकिस्तान की इस साजिश को गंभीरता से लेते हुए भारतीय सेना और खुफिया एजेंसियों ने सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया है। इसी कड़ी में स्वर्ण मंदिर की सुरक्षा को लेकर एक बड़ा कदम उठाया गया है। इतिहास में पहली बार स्वर्ण मंदिर के मुख्य ग्रंथि ने मंदिर परिसर में हथियारों और एयर डिफेंस गन की तैनाती की अनुमति दी है।
भारतीय सेना के डिफेंस कमांड के डायरेक्टर जनरल लेफ्टिनेंट जनरल सुमेर इवान डीकुन्हा ने समाचार एजेंसी एएनआई को दिए गए इंटरव्यू में इस निर्णय की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि यह एक सकारात्मक और देशहित में लिया गया फैसला है। उन्होंने कहा कि स्वर्ण मंदिर की पवित्रता का सम्मान करते हुए यह कदम पूरी सतर्कता और मर्यादा के साथ उठाया गया है।
लेफ्टिनेंट जनरल डीकुन्हा ने यह भी बताया कि ड्रोन गतिविधियों का पता लगाने के लिए कुछ समय के लिए स्वर्ण मंदिर की लाइट्स बंद की गई थीं, जिससे निगरानी और ट्रैकिंग आसान हो सकी। यह एक सुरक्षा रणनीति थी जो भविष्य के संभावित खतरे को रोकने में मददगार साबित हुई।
यह कदम भारत के लिए न केवल सुरक्षा के नजरिए से बल्कि धार्मिक सहिष्णुता और देशभक्ति की भावना के दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। देशभर में इस निर्णय की सराहना हो रही है, क्योंकि इससे स्पष्ट होता है कि भारत अब अपने सांस्कृतिक और धार्मिक प्रतीकों की सुरक्षा को लेकर किसी भी प्रकार की ढिलाई बरतने को तैयार नहीं है।
इस फैसले से यह संदेश भी जाता है कि भारत न केवल जवाबी कार्रवाई में सक्षम है, बल्कि भविष्य की किसी भी साजिश को रोकने के लिए पहले से सतर्क और तैयार भी है। स्वर्ण मंदिर सिर्फ एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि राष्ट्रीय एकता और श्रद्धा का प्रतीक है, जिसकी रक्षा करना देश की प्राथमिक जिम्मेदारी है।