5 फरवरी को PM मोदी लगाएंगे पवित्र डुबकी : महाकुंभ मेला 2025 में आने वाले दिनों में कई उच्चस्तरीय राजनीतिक और सरकारी नेताओं के दौरे की उम्मीद जताई जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पांच फरवरी को महाकुंभ मेला 2025 का दौरा कर सकते हैं, जबकि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह 27 जनवरी को मेला क्षेत्र में शामिल होंगे। इसके अलावा, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ एक फरवरी को संगम में पवित्र डुबकी लगाने के लिए आ सकते हैं। इन सभी नेताओं के दौरे के दौरान प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों ने पहले ही विशेष इंतजाम किए हैं, ताकि उनकी यात्रा सुचारू और सुरक्षित हो।
27 जनवरी को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह महाकुंभ मेला में शामिल होंगे। वह संगम में पवित्र डुबकी लगाएंगे, गंगा पूजा करेंगे और अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। इस दौरे को लेकर सुरक्षा एजेंसियों ने शहर के प्रमुख चौराहों और कार्यक्रम स्थलों पर निगरानी बढ़ा दी है और सतर्कता की स्थिति को मजबूत कर दिया है। गृहमंत्री के दौरे के दौरान व्यापक सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं, ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना से बचा जा सके।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ एक फरवरी को संगम में पवित्र डुबकी लगाएंगे। इसके बाद, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के भी 10 फरवरी को प्रयागराज आने की संभावना है। राष्ट्रपति के दौरे के दौरान वह प्रमुख कार्यक्रमों में हिस्सा ले सकती हैं। इन उच्चस्तरीय यात्राओं के दौरान सुरक्षा और प्रशासनिक तैयारियों को और भी सख्त किया जाएगा, ताकि हर स्तर पर सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके और इन नेताओं की यात्रा सफल हो।
महाकुंभ मेला में श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या
महाकुंभ मेला में श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। उत्तर प्रदेश सरकार के आंकड़ों के अनुसार, महाकुंभ के नौवें दिन, 20 जनवरी तक, 88.1 मिलियन से अधिक श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी संगम में पवित्र डुबकी लगाई। इस दौरान, करीब 1597 लाख से अधिक श्रद्धालु संगम की पवित्र धारा में स्नान कर चुके थे। हालांकि, खराब मौसम और घने कोहरे के बावजूद तीर्थयात्रियों की संख्या पर कोई असर नहीं पड़ा है, और आने वाले दिनों में श्रद्धालुओं की संख्या और भी बढ़ने की संभावना है।
शाही स्नान तिथियां और आने वाले दिनों के कार्यक्रम
महाकुंभ मेला में आने वाले दिनों में चार प्रमुख शाही स्नान होंगे। इनमें से 29 जनवरी (मौनी अमावस्या), 3 फरवरी (बसंत पंचमी), 12 फरवरी (माघी पूर्णिमा) और 26 फरवरी (महाशिवरात्रि) प्रमुख तिथियां हैं, जब श्रद्धालुओं की संख्या में भारी वृद्धि की संभावना है। इन तिथियों पर विशेष स्नान आयोजन होंगे और प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं।