चारधाम यात्रा प्राधिकरण नहीं, अब परिषद बनेगी : नए साल 2025 की शुरुआत होते ही सरकार अपने अधूरे कामों में तेजी के साथ आगामी चार धाम यात्रा प्राधिकरण की तैयारियों को लेकर मैदान में उतर चुकी है प्रदेश की आजीविका को और मजबूत करने को लेकर अब उत्तराखंड की चारधाम यात्रा को सुव्यवस्थित संचालित करने के लिए धामी सरकार कई बड़े फैसले लेने जा रही है। इसके लिए सरकार एक ओर जहां यात्रा प्राधिकरण का गठन करने की तैयारी कर रही है तो वहीं रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था को और अधिक मजबूत बनाने पर कार्य चल रहा है। हाल ही में मुख्यमंत्री धामी ने इस संबंध में अधिकारियों की बैठक ली थी। जिसको लेकर सीएम धामी ने प्राधिकरण के लिए अधिकारियों को 30 जनवरी तक जरूरी प्रक्रिया को पूरा करने के निर्देश दिए थे। इसके अलावा अधिकारियों को रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था को और अधिक मजबूत बनाने के निर्देश दिए गए थे।
हालांकि तीर्थ पुरोहितों ने इसका विरोध भी किया जिसके चलते यात्रा प्राधिकरण का विरोध साथ ही चारो धामो में चल रहे पुनर्निर्माण में तीर्थ पुरोहितों के आवास की मांग साथ ही उनके हक हकूक को कायम रखने की मांग भी की गई आपको बता दे बीते दिनों अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन की अध्यक्षता में चार धाम यात्रा प्राधिकरण को लेकर चारों धामों के तीर्थ पुरोहितों के साथ बैठक आयोजित की गई थी जिसमें शासन की ओर से प्रस्तावित योजनाओं पर अपना पक्ष रखा तीर्थ पुरोहित महापंचायत एवं अन्य मंदिर समितियों और तीर्थ पुरोहित महासभा के पदाधिकारी के द्वारा एक मत में कहा गया कि चारों धामों की आंतरिक पूजा संबंधी एवं जो व्यवस्थाएं हैं उस पर किसी भी तरह का हस्तक्षेप मंजूर नहीं होगा अनादिकाल से चली आ रही परंपराएं अक्षुण्ण रखी जानी चाहिए, अब चारों धामों के सफल संचालन के लिए चार धाम यात्रा प्राधिकरण नहीं उत्तराखंड धर्मस्व एवं तीर्थाटन परिषद बनाने की तैयारी की जा रही है प्राधिकरण नहीं परिषद बनाने के नाम पर सहमति बनी है आपको बता दे कि जल्द ही इसका ड्राफ्ट तैयार कर लिया जाएगा और परिषद के नाम पर अंतिम मोहर भी लग जाएगी. ऐसे ना करने पर तीर्थ पुरोहितों ने आंदोलन की चेतावनी भी दी है।
बता दें कि इससे पूर्व त्रिवेंद्र सरकार ने भी देवस्थानम बोर्ड का गठन किया था। हालांकि भारी विरोध के चलते खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस बोर्ड को भंग कर दिया था। लेकिन अब एक बार फिर यात्रा प्राधिकरण के गठन की सरकार तैयारी कर रही है…बता दें कि धामी सरकार 12 महीने चारधाम यात्रा का संचालन कर रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की ओर से शीतकालीन यात्रा की शुरूआत की गई है। हालांकि बारिश-बर्फबारी के बीच सरकार के लिए यात्रा का संचालन बेहद चुनौतीपूर्ण हो गया है. वहीं विपक्ष की ओर से भी बिना तैयारी के यात्रा का संचालन करने का आरोप सरकार पर लगाया गया है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चार धाम यात्रा प्राधिकरण को लेकर तमाम समुदाय के लोगों से वार्ता करने की बात कही है और सभी के हक हकूक को कायम रखने के साथ-साथ लगातार चारों धामों में बढ़ती तीर्थ यात्रियों की संख्या को और बेहतर किए जाने के विषय में आला अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए हैं साथ ही चार धाम प्राधिकरण को और बेहतर करने से आने वाले समय में एक बड़ा गेम चेंजर प्रदेश में करने की तैयारी की जा रही है वही चारों धामों के तीर्थ पुरोहितों का मानना है कि अगर सरकार प्राधिकरण की जगह परिषद बनाती है तो हमें उसमें कोई आपत्ति नहीं लेकिन अगर सरकार तीर्थ पुरोहित के हक हकूक को दबाने का काम करेगी तो इसका जमकर विरोध किया जाएगा. आपको बता दें कि चारधाम यात्रा उत्तराखंड की लाईफलाईन है।
प्रदेश की आर्थिकी में इस यात्रा का महत्वपूर्ण योगदान है। यात्रा के व्यवस्थित संचालन के लिए पूर्ववर्ती त्रिवेंद्र सरकार ने भी देवस्थानम बोर्ड का गठन किया था। त्रिवेंद्र सरकार ने साल 2019 में चारधाम देवस्थानम बोर्ड बनाने का फैसला लिया था. हालांकि भारी विरोध के चलते खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस बोर्ड को भंग कर दिया था। बता दें कि धामी सरकार 12 महीने चारधाम यात्रा का संचालन कर रही है। मुख्यमंत्री धामी की ओर से शीतकालीन यात्रा की शुरूआत की गई है। वहीं विपक्ष की ओर से बिना तैयारी के यात्रा का संचालन करना व तीर्थ पुरोहितों के हक़ हकूक का हनन करने का आरोप सरकार पर लगाया गया है।