उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस के मौके पर उत्तराखंड बेरोजगार संघ ने “करो या मरो” की तर्ज पर भीषण महारैली का आयोजन किया और मुख्यमंत्री आवास की ओर कूच किया। इस रैली का नेतृत्व बॉबी पंवार ने किया, जिसमें बड़ी संख्या में बेरोजगार युवा शामिल हुए। गांधी पार्क से रैली शुरू होकर दिलाराम बाजार चौक होते हुए हाथी बड़कला तक पहुंची, जहां पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर उन्हें रोक लिया।
सीएम आवास तक नहीं पहुंचने दिया, पुलिस से तीखी नोकझोंक
जब बेरोजगार युवाओं का प्रदर्शन सीएम आवास तक पहुंचने का था, तब पुलिस ने उन्हें बैरिकेडिंग लगाकर रास्ता रोक लिया। इससे नाराज बेरोजगार युवाओं और पुलिस के बीच तीखी नोकझोंक और धक्का-मुक्की की स्थिति उत्पन्न हो गई। कई युवाओं ने बैरिकेडिंग पर चढ़कर विरोध जताया और सरकार के खिलाफ नारे लगाए। अंत में, सीएम आवास तक न पहुंच पाने पर युवाओं ने सड़क पर बैठकर धरना दे दिया और विरोध प्रदर्शन किया।
बेरोजगार युवाओं की प्रमुख मांगें
उत्तराखंड बेरोजगार संघ ने इस रैली के दौरान कई अहम मुद्दों पर सरकार से अपने सवाल उठाए। बेरोजगार युवाओं ने मुख्य रूप से दो प्रमुख मांगें की हैं:
1. पुलिस कांस्टेबल भर्ती में उम्र में छूट – बेरोजगार युवाओं का कहना है कि जो लोग अब तक पुलिस कांस्टेबल भर्ती में आवेदन नहीं कर पाए हैं, उन्हें उम्र में छूट दी जाए ताकि वे भी आवेदन कर सकें।
2. महिलाओं के लिए अलग से 500 पदों पर भर्ती – महिलाओं के लिए खासकर पुलिस कांस्टेबल की भर्ती में 500 अतिरिक्त पदों की मांग की गई है।
बॉबी पंवार का बयान
उत्तराखंड बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बॉबी पंवार ने कहा कि उनकी संस्था के सदस्य लगातार सरकार से मांग कर रहे हैं कि पुलिस कांस्टेबल भर्ती में उम्र में छूट दी जाए। उन्होंने कहा, “जो लोग अभी तक एक भी बार पुलिस कांस्टेबल भर्ती में आवेदन नहीं कर सके हैं, उन्हें अब उम्र में छूट देने पर वे भी इस प्रक्रिया का हिस्सा बन सकते हैं।”
राज्य सरकार के खिलाफ बेरोजगारों का गुस्सा
राज्य स्थापना दिवस पर आयोजित इस महारैली ने बेरोजगार युवाओं के गुस्से को और भी ज्यादा उकसाया। बेरोजगारों का आरोप है कि सरकार ने उनके रोजगार के मुद्दों को नजरअंदाज किया है और उन्होंने “रोजगार दो या फिर हम सब सड़कों पर उतरेंगे” जैसे नारों से अपनी नाराजगी व्यक्त की।