कहाँ गायब हो गईं 50 से ज्यादा लड़कियां: हमारे देश में युवाओं को पहली सीख और सबक घर से मिलती है। माता पिता और टीचर्स न सिर्फ बेहतरीन शिक्षा देते हैं बल्कि जीवन को तौर तरीके , संस्कार और बुरी आदतों से बचने की राह दिखाते हैं। लेकिन बीते एक दशक में हालात बदलते दिखाई दिए हैं। घरों में संस्कार तो वही मिल रहे हैं लेकिन बदलते जीवन शैली में जिस तरह से डिजिटल लाइफ ने पैर जमाये हैं उसमें युवाओं की सोच को प्रभावित किया है और कई नुकसान भी नज़र आते है जिसपर हमें जागरूक होने की सख्त ज़रूरत है।
दिन हो रात हो , घर हो बाज़ार हो स्कूल हो या बिस्तर हो … हांथों में मोबाईल और एक भ्रम जाल वाली फ्रेंडशिप के पीछे भागते लड़के और लडकियां आज अनजाने में कई गलत फैसले कर लेते हैं जिसके बाद उन्हें जीवन भर अफ़सोस होता है। ऎसी ही कड़वी सच्चाई को समझना ही तो यूपी की इस खबर को ध्यान से पढ़ लीजिये …. मुरादाबाद में फ्रेंडशिप का बुखार युवतियों के सिर पर हावी है. पिछले कुछ दिनों में 50 से ज्यादा लड़कियां फ़्रैंडशिप के चक्कर में अपने घरों की दहलीज लांघ गई हैं. इसमें परिवारों की तरफ से पुलिस में गुमशुदगी और किडनैपिंग के केस दर्ज किए गए हैं.
पांच महीने में गायब हो गईं 50 से ज्यादा लड़कियां
बीते 5 महीने में मुरादाबाद पुलिस के सामने लगभग 50 से अधिक ऐसे किडनैपिंग एवं गुमशुदगी के केस आये हैं जिसमें नाबालिग एवं बालिग लड़कियां अपने घरों से निकल कर अपने दोस्तों के साथ दहलीज लांघ गई हैं. हालांकि, काफी केसेस में युवतियों को बरामद भी कर लिया गया है, लेकिन अभी भी कई ऐसे केस हैं जिनमें लड़कियां को ढूंढ़ने में पुलिस लगी हुई है. जिनको ढूंढ़ना पुलिस के लिए बड़ा चैलेंज बना हुआ है. पुलिस की टीमें इनको बरामद करने मे लगातार जुटी हैं.
मुरादाबाद के एसपी सिटी के मुताबिक, एवरेज में ऐसे केस बड़े थाने में करीब 5 से 10 एवं छोटे थानों में यह संख्या कम है. उनका यह भी मानना है कि इसके पीछे उनकी वजह कुछ पर्सनल रीजन, पढ़ाई लिखाई को लेकर, तो कुछ उनकी अपनी फीलिंग्स को लेकर होता है और कुछ अपने साथियों की फ्रेंडशिप के चक्कर में इस तरह के कदम उठा लेती हैं.
मुरादाबाद के एसपी सिटी के मुताबिक, एवरेज में ऐसे केस बड़े थाने में करीब 5 से 10 एवं छोटे थानों में यह संख्या कम है. उनका यह भी मानना है कि इसके पीछे उनकी वजह कुछ पर्सनल रीजन, पढ़ाई लिखाई को लेकर, तो कुछ उनकी अपनी फीलिंग्स को लेकर होता है और कुछ अपने साथियों की फ्रेंडशिप के चक्कर में इस तरह के कदम उठा लेती हैं. लेकिन सच्चाई तो यही है कि इस मायावी दोस्ती का नतीज़ा हमेशा अफसोसनाक ही होता है जिससे आज युवा जेनरेशन को सावधान रहने की ज़रूरत है।